भोपाल ।राजस्व विभाग ने प्रदेशभर की जमीनों की सेटेलाईज इमेज के जरिए शासकीय भूमि पर 17 हजार 82 हेक्टेयर जमीन पर पक्के अतिक्रमण मिले है। यह जमीन शासकीय भूमि के नाम से दर्ज है। सभी पटवारियों को उनके क्षेत्र में शासकीय भूमि पर पक्के अतिक्रमण की जानकारी दे दी गई है। अब इन अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही की जाएगी। यदि किसी शासकीय भूमि पर शासकीय स्कूल, अस्पताल, कलेक्टर कार्यालय या सरकारी कार्यालय का भवन बना है तो खसरे में इसे उनके नाम से दर्ज किया जाएगा। जो निजी अतिक्रमण होंगे उन्हें हटाया जाएगा। प्रदेश में अभी तक शिकायत के आधार पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती थी। अतिक्रमण की जानकारी के लिए राजस्व अमले पर निर्भरता थी। लेकिन अब सेटेलाइट इमेज के आधार पर वरिष्ठ अफसर स्वयं टूल्स के जरिए निष्पक्ष तरीके से अतिक्रमण को लेकर निर्णय कर सकेंगे।
सेटेलाईट इमेज से मिले अतिक्रमण के आधार पर खसरों को अपडेट करने की कार्यवाही भी की जाएगी। ऐसी शासकीय भूमि जो अन्य विभागों को अंतरित हो चुकी है परन्तु नाम दर्ज नहीं है उनको भी इस विश्लेषण में शामिल कर जमीन उन विभागो के नाम से दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी। पक्के अतिक्रमण के बाद कच्चे अतिक्रमण भी चिन्हित किए जाएंगे और उन्हें हटाने की कार्यवाही की जाएगी। इस तरह से राज्य सरकार प्रदेश में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाएगी। प्रदेश में कुल 85 लाख 81 हजार 628 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सेटेलाईज इमेज के आधार पर विश्लेषण कराया गया है।
चुनाव वाले दमोह सहित पांच जिलों में सरकारी जमीन पर सर्वाधिक अतिक्रमण
दमोह में जिले की कुल शासकीय भूमि1 लाख 91 हजार हेक्टेयर में से 4 हजार 319 हेक्टेयर क्षेत्र में शासकीय जमीन पर अतिक्रमण है। लेकिन चुनाव के चलते अभी यहां अतिक्रमण हटाने की कोई कार्यवाही नहीं की गई है चुनाव बाद यहां अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरु हो सकती है। शासकीय भूमि पर बेजा कब्जे के मामले में कटनी प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। यहां 2 हजार 398 हेक्टेयर भूमि पर अवैधानिक कब्जा है। राजधानी भोपाल मेंभी एक हजार 715 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा है। झाबुआ में एक हजार 502 हेक्टेयर और भिंड में एक हजार 388 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण की चपेट में है। इन सभी स्थानों पर पटवारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है।
इनका कहना है
प्रदेश में शासकीय भूमि पर पक्के अतिक्रमण की पहचान सेटेलाईट इमेज के जरिए की गई है। अब यहां जो निर्माण है उनका भौतिक सत्यापन कर किसी अन्य विभाग के निर्माण होंने पर खसरे में बदलाव किया जाएगा। यदि अवैध निजी कब्जे है तो हटाने की कार्यवाही की जाएगी।
ज्ञानेश्वर पाटिल, सचिव राजस्व