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मुख्यमंत्री ने रेमडेसीवीर की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने वरिष्ठ अधिकारियों को हैदराबाद और महाराष्ट्र भेजने के दिए निर्देश

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रायपुर । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हवाई मार्ग के साथ रेल मार्ग से अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की 72 घंटे के भीतर की निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने बिना निगेटिव रिपोर्ट के आने वाले यात्रियों की जांच और उन्हें एसओपी के अनुसार क्वारेंटिन, कोविड केयर सेंटर या अस्पताल में रखने की व्यवस्था भी करने कहा। उन्होंने प्रदेश में रेमडेसीवीर इंजेक्शन की सुचारू आपूर्ति के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि इस दवाई का उत्पादन करने वाली कम्पनियों के साथ समन्वय के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को हैदराबाद और महाराष्ट्र भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष से चर्चा कर उनसे अन्य राज्यों से रेमडेसीवीर इंजेक्शन की आपूर्ति बढ़ाने को कहा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों पर चिकित्सा विशेषज्ञों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा के बाद ये निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल संचालकों, चिकित्सा विशेषज्ञों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से चर्चा कर कोविड-19 के इलाज में आ रही दिक्कतों, ऑक्सीजन और जरूरी दवाईयों की आपूर्ति के संबंध में जानकारी ली।

              मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। इस चुनौती का यदि हम योजनाबद्ध तरीके से सामना करेंगे तो अवश्य सफल होंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ की महाराष्ट्र से लगने वाली सभी सीमाओं पर यात्रियों की कड़ाई से जांच की जाए। एयरपोर्ट के साथ ही रेलवे स्टेशनों में भी छत्तीसगढ़ आने वाले यात्रियों की जांच की व्यवस्था की जाए। आवश्यकतानुसार यात्रियों को क्वारेंटाईन सेंटर और आईसोलेशन में रखने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार गांवों में भी संक्रमण फैल रहा है। इसे रोकने के लिए प्रदेश के बाहर से आने वालों की जांच कराना आवश्यक है। गांवों में क्वारेंटाईन सेंटर स्थापित करने के लिए राज्य शासन द्वारा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने प्राईवेट अस्पतालों के संचालकों से कहा कि कोरोना मरीजों का बेहतर से बेहतर इलाज करें। इसके लिए राज्य सरकार भी जरूरी सहयोग देगी। 

              वीडियो कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री निवास में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक स्वास्थ्य श्री नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री के.डी. कुंजाम भी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव गृह श्री सुब्रत साहू सहित रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के अनेक चिकित्सा विशेषज्ञ, तीनों जिलों के कलेक्टर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ड्रग एसोसिएशन के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा में शामिल हुए।

              मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ टेंिस्ंटग के मामले में बड़ी आबादी वाले कई राज्यों से आगे है। प्रदेश में रोज 40 से 50 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सर्वाधिक वैक्सीनेशन करने वाला राज्य भी है। यहां की 13 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल्दी ही चार और जिलों में  आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे रोजाना सेम्पल जांच की संख्या बढ़ने के साथ ही जांच रिपोर्ट भी जल्दी मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर के साथ एंटीजन टेस्ट भी करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले संयंत्रों को पहले छत्तीसगढ़ के शासकीय और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निजी क्षेत्र के कुछ नये उद्योगों को भी मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन की अनुमति दी गई है। इससे प्रदेश के सभी अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी।

              मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों को इलाज में कम से कम आर्थिक बोझ पड़े, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निजी क्षेत्र के अस्पतालों से चर्चा कर इलाज की दरों को पुनरीक्षित करें। उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज को भी डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से सम्बद्ध करें। उन्होंने जरूरत के मुताबिक नये अस्पतालों को भी इलाज की अनुमति प्रदान करने को कहा। 

              मुख्यमंत्री ने रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के कलेक्टरों को ऑक्सीजन और आईसीयू सुविधा वाले बिस्तरों तथा वेन्टीलेटर की संख्या बढ़ाने के लिए विधायकों से विधायक निधि की राशि के माध्यम से सहयोग करने का आग्रह करने कहा। उन्होंने औद्योगिक घरानों से भी इसके लिए सहायता लेने कहा।

              एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर, डॉ. अजय बेहरा, रामकृष्ण केयर अस्पताल के डॉ. संदीप दवे, नारायणा अस्पताल के डॉ. सुनील खेमका, श्रीबालाजी अस्पताल के डॉ. देवेन्द्र नायक, डॉ. शशांक गुप्ता, आईएमए के डॉ.राकेश गुप्ता, डॉ. विकास अग्रवाल, ड्रग एसोसिएशन के श्री विनय कृपलानी, दुर्ग के डॉ. प्रतीक कौशिक, डॉ. आशीष मित्तल, डॉ. अरविंद प्रकाश सावंत, डॉ. खेरूल, बिलासपुर के डॉ. अखिलेश देवरस, डॉ. मनोज राय, सिम्स के डॉ. रवि शेखर, डॉ. श्रीकांत गिरी, डॉ. आशुतोष तिवारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।

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