बिलासपुर । रेत के खेल में जुर्माना और 5 लाख के जुर्माने की अदायगी को लेकर साझेदारों में रार की खबर से खलबली तो मच गई है। कोई पैसा पटा नही रहा इसलिए खनिज विभाग घुटकू रेत घाट को सील करना बता रहा, पर हकीकत है क्या सब जान रहे।
दरअसल रेत के नियम विरुद्ध उत्खनन के मामले में खनिज विभाग ने घुटकू घाट खदान संचालक पर 3 लाख 62 हजार रुपये, 3 पोकलेन के दो मालिकों पर प्रति पोकलेन 50-50 हजार यानि डेढ़ लाख का जुर्माना ठोंक दिया है। इस भारीभरकम पेनाल्टी को चुकाने इनके बीच आपस में मैं क्यों तुम पटाओ जैसे हालात हो गए है। दबाव है कि पेनाल्टी में कटौती की जाए पर बात बन नहीं रही।
पेनाल्टी मिली नहीं तो विभाग के जिम्मेदार अफसर खदान और पोकलेन को सील करना बता रहे। कुल मिलाकर सरकारी खजाने पर फटके जैसी स्थिति है।
सरकारी कामकाज है तो कार्रवाई भी नियमत: हुई होगी पर कोई कुछ बताने तैयार नहीं, कि पेनाल्टी किस हिसाब से लगाई गई है, कितना और कितनी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन हुआ, कितने के राजस्व की क्षति हुई किसी को कुछ नहीं पता। हमने उपसनचलक दिनेश मिश्रा से उनके मोबाइल नम्बरज्पर काल कर उनसे जानकारी लेने सम्पर्क किया परन्तु उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं किया। कोई जुर्माने का मजमून तक बताने तैयार नहीं।
अवैध उत्खनन को लेकर पूरे प्रदेश भर में हल्ला मचा है। विभाग के खरतर अधिकारी कहते है कि हमारे जितना कोई करके बताए। पुलिस और राजस्व विभाग की भी जिम्मेदारी है उनसे पूछिये क्या किया। करोड़ों की खनिज संपदा गयी, कोई कुछ बताने तैयार नहीं।