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ग्राम पंचायत चोरंगा में स्वच्छ भारत मिशन योजना की 245 शौचालय निर्माण की राशि में लाखों का घोटाला

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जोहार छत्तीसगढ़-लैलूंगा।


रायगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड लैलूंगा के ग्राम पंचायत चोरंगा में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 245 हितग्राहियों को शौचालय बनवाकर देना था। जिसे बिना बनाये लगातार पांच किस्तों में कुल 29 लाख 40 हजार रूपये को आहरण कर बंदरबांट किया गया है। आपको बता दें कि ग्राम चोरंगा जो कि पूर्व में ग्राम बैगिनझरिया के साथ एक ही पंचायत में था। पर आज की स्थिति में दोनों ग्राम पंचायत अलग हो चुके हैं। उस समय के तत्कालीन सरपंच रातुराम माझी ने गांव में बनाये जाने वाले सभी शौचालय को कमीशन की लालच में गांव के ही श्याम लाल चौहान तथा कृष्णा पटेल नामक व्यक्ति को ठेका में दे दिया था। और सरपंच रातु राम ठेके पर देकर आंख बंद कर सो गया था। यह पूरे मामले को देखने से ऐसा लगता है जैसे भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन्हें स्वच्छ भारत निशन के अंतर्गत शौचालय के लिए न देकर मानों भ्रष्टाचार करने को दिया गया हो। ग्राम पंचायत चोरंगा को शौचालय निर्माण पर खर्च करने को लाखों रूपये दिया गया था। पर सरपंच सचिव ने खा गये सारे राशि को अब जब अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय लैलूंगा के समक्ष शिकायत हुई तो जनपद पंचायत लैलूंगा से अधिकारी जांच करने गये तो भ्रष्टाचार की पोल परत दर परत खुलने लगी। तब ग्राम पंचायत चोरंगा के तत्कालीन सरपंच-सचिव अपनी कलम फ ंसते देख उसी अधूरे शौचालय को पुन: मरम्मत कराने की बात कह रहे हैं। जबकि पंचायत अलग हो गया और चुनाव भी संपन्न हो गयी। लेकिन शासन-प्रशासन की राशि को गटक जाने से बार-बार भ्रष्टाचार की खट्टी डकारें आना तो लाजिमी है। इधर जनपद पंचायत लैलूंगा के अधिकारी, कर्मचारी भी उपरोक्त भ्रष्टाचारी सरपंच व सचिव को बचाने का भरसक प्रयास करने में लगे हुए हैं। अब यह देखना होगा कि 245 शौचालय में से लगभग 100 शौचालय को बिना निर्माण कराये राशि को खा गये हैं। और बाकी शौचालय को आधे-अधूरे निर्माण करवा कर छोड़ दिया गया है। सबसे मजेदार बात यह है कि इनके द्वारा बनवाये गये शौचालय में से मात्र 8 से 10 शौचालय ही उपयोग करने लायक हैं बाकी सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। अब यह देखना होगा की स्वच्छ भारत मिशन की इस भारी भरकम रूपये को चपत लगाने वाले सरपंच सचिव तथा इंजीनियर व इसमें संलिप्त लोगों के विरूद्ध कब तक कड़ी कार्यवाही की जाती है। या फि र यूं ही मामले ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है। इसे तो आने वाला समय ही तय करेगा। आपको यह भी बता दें की इस मामले को जनपद सदस्य शांता भगत ने जनपद के बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाई थी। और मौके पर जाकर जांच कर कड़ी कार्यवाही करने को कही है। वहीं शिकायत के आवेदक रमेश कुमार होता का कहना है कि जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित लोगों के विरूद्ध उचित एवं दण्डात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।

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