जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की महिलाएं अब गांव को सुधारने कमर कस रही है। तथा नशामुक्ति केंद्र के आभव में स्वयं ही समाज को पूर्ण रूप से नशा मुक्त करने आगे आ रही है। बहरहाल धरमजयगढ़ थाना पहुंची ग्रामीण महिलाओं की मांग सुनकर हर कोई इनकी प्रशंसा करने में लगा है। धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम सिथरा के बिहान समूह की महिलाओं ने बताया कि वर्तमान में आदिवासी क्षेत्र होने के नाते लगभग परिवार शराब की वजह से प्रताडि़त हो रहे हैं। शराब के कारण कई खुशहाल परिवार उजड़ रहे हैं। शराब पीने से रोजाना घरों में पति पत्नी के बीच बढ़ते विवाद से कलह की भावना उत्पन्न होकर लड़ाई-झगड़े बढ़ रहे हैं। बच्चे,युवा वर्ग ज्यादातर इसके आदि होते दिख रहे हैं जो आने वाले भविष्य के लिए किसी बड़ी अनहोनी से कम नहीं है। ऐसे में इस गांव में शराबंदी करवाने अब महिलाओं ने मोर्चा खोला है। आदिवासी क्षेत्र धरमजयगढ़ के सिथरा की महिलाओं ने पूर्ण शराबबंदी की मांग करते हुए आज धरमजयगढ़ थाने में ज्ञापन सौपा है। इस विषय को लेकर थाने पहुंची महिलाओं ने बताया कि शराबबंदी के क्रम की शुरुआत में सर्वप्रथम गांव में मीटिंग रखकर लोगों को समझाईश दिया जाएगा साथ ही शराब बनाने व पीने वालों पर पैनी नजर भी रखी जायेगी। यहां किसी नशा मुक्ति समूह नहीं होने पर बिहान योजना से जुड़ी दो ग्राम संगठन की वंदना महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपने कंधों पर यह बोझ उठाया है। ताकि समाज से नशा का नामोनिशान मिटाया जा सके। मांग करने पहुंची महिलाओं में सेतवती,कमला,सावित्री राठिया, मुक्तिलता तिग्गा, साधना भगत के साथ सिथरा सरपंच भी मौजूद रहे।