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बायोगैस संयंत्र योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, क्या घोटाला करने वालों पर होगी कार्यवाही

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जोहार छत्तीसगढ़-बेमेतरा।
एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार गांव-गांव में गोबर खरीदी कर लोगों को आत्म निर्भर बनाने की बात कहें रही है वही बेमेतरा जिला के 20 गांव में गोबर धन योजना के अंतर्गत लगाए गए बायोगैस संयंत्र भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। योजना में लापरवाही इतनी की जगह जगह से कनेक्शन की पाइप पूर्णता टूट चुकी है लाख शिकायत के बावजूद जवाबदार अफ सर सुध नहीं ले रहे हैं। गांव में गरीब और जरूरतमंद लोगों को आसानी से कम दामों पर खाना पकाने की खातिर छत्तीसगढ़ सरकार ने गोवर्धन योजना लेकर आई जिसके तहत बेमेतरा जिला के 20 गांव का चयन कर दो करोड़ रुपए की लागत से गांव के गौठानो मैं संयंत्र को स्थापित किया गया ताकि गोबर आसानी से मिल सके और उसका घोल संयंत्र में डाल सके और लोगों को गैस की सुविधा मिल सके जिसकी संपूर्ण जवाबदारी। आभा स्पात प्राईवेट लिमीटेट भिलाई को सौंपा गया था निविदा के अनुसार ठेकेदार द्वारा किसी भी मापदंड को पूरा नहीं किया गया कार्यस्थल पर ना ही सूचना बोर्ड और ना ही किसी प्रकार की जानकारी लिखी गई है आनन-फ ानन में सभी कार्य अपूर्ण कर औपचारिकता निभा दी गई है। गौरतलब हो कि कोई भी सरकार योजना एक उद्देश्य को लेकर आती है और जिसके दायरे में आने वाले तमाम हितग्राहियों को योजना का फ ायदा मिल सके और योजना अगर सफ ल हो तो योजना को व्यापक रूप में परिवर्तन किया जाता है। लेकिन योजना को सफ ल और कारगर करने के संपूर्ण जवाबदारी जिला प्रशासन की टीम का होता है ऐसी स्थिति में जवाबदार अधिकारी कर्मचारी ही नाकारा और निकम्मा हो जाए तो भला योजना कैसे सफ ल होगा। कुछ ऐसे ही स्थिति बेमेतरा जिला कैटरीना विधानसभा के गांव में देखने को मिला है गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ शासन के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का भी निर्वाचन क्षेत्र साजा भी इसी जिले से है जहां तीनों कांग्रेस के विधायक हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है किसी मंत्री के क्षेत्र में गोवर्धन योजना बायोगैस का यह हाल है तो बाकी जगह का भगवान ही मालिक होगा।
योजना में खामियां
कई स्थानों पर सिर्फ एक टंकी का ही उपयोग हो रहा है। गौठानो में लगाए गए बायोगैस संयंत्र और मोहल्ला की दूरी 100 से 200 मीटर की दूरी में है कई जगह पर। अधिकांश स्थानों पर बायोगैस संयंत्र बंद पड़ा है। कई कई स्थानों पर पाइपलाइन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। वही इतनी खामियां और स्तर हीन काम होने के बावजूद भी संबंधित अधिकारी द्वारा ठेकेदार को लगभग पूरी पेमेंट कर दिया गया। अब देखना यह होगा दो करोड़ की लागत से बायोगैस संयंत्र के काम में लापरवाही करने वाले अधिकारी के ऊपर कब करवाई होगी।

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