धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ जनपद पंचायत में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं पुलिस प्रशासन के सयुंक्त तत्वावधान में नालसा तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं 2015 एवं लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पर कार्यशाला आयोजित की गई। जिला न्यायाधीश एवं एसपी द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण तथा आदर्श नियम के बारे में जानकारी और लघु फ़िल्म तथा अपने उद्बोधन के जरिये संबोधित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में पुलिस कप्तान संतोष कुमार सिंह ने से बताया कि मानव तस्करी के मामले में छत्तीसगढ़ पांचवे स्थान पर है। और धरमजयगढ़ लैलूंगा मानव तस्करी के मामले अव्वल देखा जाता है इसे एक दूसरे की मदद से ही जड़ से समाप्त कर सकते है। वहीं डिस्ट्रिक्ट जज ने बताया कि बालकों के द्वारा किए जाने वाले अपराध में कब प्राथमिकी दर्ज करना है। उक्त अधिनियम तथा आदर्श नियम के संबंध में बताया कि बच्चों की सामाजिक पृष्ठभूमि की रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड के समक्ष पेश किया जाना, कोई भी पुलिस अधिकारी ऐसे बालकों के समक्ष सादी वर्दी में ही उपस्थित रहेगा। किसी बालक के अपराध की स्वीकृति करने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा, बालक के साथ कोई दुव्र्यवहार नहीं करेगा, बालाक के साथ पूछताछ करते हुए उनके साथ अच्छे माहौल रखा जाएगा और पूछताछ के समय उनक माता-पिता तथा उनके सरंक्षक भी उपस्थित रहना इन सभी विषयों पर बारीकियों से जानकारी दी गई। इसके अलावा कार्यशाला में उपस्थित समाज कल्याण विभाग, महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, जनपद के साथ ही कार्यक्रम में शामिल वक्ताओं ने अपने अपने उद्बोधन से जानकारी आदान प्रदान कर चर्चा किया। आयोजित कार्यशाला में पंच सरपंच कोटवार मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित आमजन भी उपस्थित रहे।