अनिल साव, जोहार छत्तीसगढ़।
कुड़ेकेला। धरमजयगढ़ विकासखंड के अंतिम छोर में बसा ग्राम बंगरसुता एक ऐसा गांव जहाँ आम आदमी का पहुंचना काफी परेशानी भरा है, शायद इसी बात का फायदा उठा कर इस पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं शासकीय सेवको द्वारा भ्रष्टाचार को घर की खेती की तरह किया गया है, जंहा ग्रामीणों ने ग्राम के सरपंच लालन सिंह राठिया, रोजगर सहायक चुलेश्वरी राठिया व सचिव द्वारा ग्राम में किये गए विकास कार्य साथ मनरेगा मजदूरी के कार्य के पैसों को हड़पने के संबंध में एसडीएम ऑफिस में ग्रामीणों द्वारा लिखित जांच करने व दोषी पाए जाने उचित कार्यवाही करने का ज्ञापन सौपे थे। किंतु इस भ्रष्टाचार के ऊपर आश्चर्यजनक पलीता यह कि ग्रामीणो की भ्रष्टाचार की शिकायत पर धरमजयगढ़ मुख्यालय में पदस्थ सक्षम अधिकारियों द्वारा अपनी जांच में ऐसे कारनामें में संलग्न लोगो को क्लिन चिट दिया जाना, क्या क्षेत्र के ग्रामीणो ने भ्रष्टाचार की शिकायत इसी उम्मीद से एसडीएम जैसे सक्षम अधिकारी से की थी, कि उनके गांव की तकलीफ को ये अधिकारी काले को सफेद सिद्ध कर दे, ग्रामीणो की उम्मीदों से भरे इस शिकायतों की सूची में एक शिकायत यह भी थी, जिसमे ग्रामीणों की शिकायत थी कि ग्राम के ही एक हितग्राही अमृत सिंह राठिया पिता ठाकुर राम के नाम डबरी निर्माण का कार्य आया था जिसमे ग्राम के सरपंच, रोजगार सहायक व सचिव द्वारा ग्रामीणों का फर्जी मस्टररोल भरकर पैसा गबन कर लिया गया है। जब ग्रामीणों व अमृत सिंह के बेटे राजकमल राठिया को इस फर्जी कार्य के बारे मे पता चला तो वे इसकी शिकायत किया व मस्टररोल निकाले तो पता चला कि मस्टररोल फर्जी बनाया गया है मीडिया को बताते हुए राजकमल राठिया ने कहा कि डबरी निर्माण मैं अपने खुद निजी मज़दूरों व जेसीबी मशीन से करवाया हुँ मुझे आजतक शासन का मदद राशि नही मिला है। और मैन आडिट में आये विभागीय अधिकारियों को बताया कि निर्माण स्वयं किया हुँ। फर्जी मस्टररोल में 255 दिन कार्य लेकर 44880 रुपये आहरण सरपंच व सचिव द्वारा कर लिया गया है जिसे छबिलाल/मधुराम 5 दिन, अछेराम/मधुराम 5 दिन, राम/आशाराम 2 दिन, आशाबाई /आशाराम 5 दिन, बेपेट राम/पुनिताराम 10 दिन, कास्ताराम /पुनिताराम 5 दिन, बालक राम /पुनिताराम 5 दिन, मोहित राम/देवला 10 दिन, हरिशंकर / हेतराम 5 दिन करके इस काम के एवज में उपरोक्त 10 फर्जी हितग्राहियों के साथ ही 46 लोगो का फर्जी नाम मस्टररोल में भरा गया है जिसमे मेरे खुद के परिवार के लोगो का नाम भी शामिल है जिसमे 21 दिन का हाजरी दिखाया गया है। जब 22 जुलाई 2020 को धर्मजयगढ से जांच टीम द्वारा जांच में आया गया तो मुझे बोला गया कि आपका डबरी निर्माण कार्य निरस्त हो चुका है। अगर वास्तविक में यदि मेरा कार्य निरस्त हो गया होता तो ये फर्जी मस्टररोल भरकर पैसा थोड़ी ही निकलता हम भोले भाले ग्रामीणों को पंचायत से लेकर जनपद तक गुमराह किया जाता है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि अगर वास्तव में डबरी निर्माण निरस्त हो गया है तो यह फर्जी मस्टररोल बनाकर पैसा किसके सह पर निकला गया और किसके किसके हाथ इस भस्टाचार में रंगे है। क्या जमीन मालिक को डबरी निर्माण का पैसा मिलेगा, मिलेगा तो आखिर कब?
मुझे पंचायत से जानकारी मिला कि डबरी निर्माण कार्य पास हो गया है लेकिन किसी कारणवश 6 माह तक कार्य नही हुआ जिसके बाद सरपंच व रोजगार सहायक द्वारा बोला गया कि आप अपने तरफ से कार्य कराओ हम आपको नगद पैसा दे देंगे जिसके बाद मैंने लेबर से कार्य कराया और जो लेबर से कार्य नही हुआ उसे जेसीबी मशीन से कार्य करवाकर पूरा कराया लेबरों का लगातार पैसा का मांग करने पर मैन अपने घर से निजी पैसा लेबरों और मशीन का दिया मुझे एक भी रुपये का सहायता राशि पंचायत से नही मिला । पंचायत में आये ऑडिटरों की टीम को मेरे पिताजी द्वारा लिखित में दिया गया कि शासन से हमे एक भी रुपये नही मिला है।
राजकमल राठिया उपसरपंच व जमीन मालिक का पुत्र