धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। कुछ साल पहले धरमजयगढ़ एसडीएम ऑफिस के सामने से 2 तोप की चोरी हो गई थी जिसको लेकर धरमजयगढ़ वासियों ने नगर बंद व आंदोलन भी किये थे लेकिन मामला धीरे धीरे शांत हो गया। तोप चोरी मामले में क्या हुआ किसी को कुछ भी पता नहीं चला तोप कहां चला गया। धरमजयगढ़ में अब एक नया मामला सामने आया है अम्बेटिकरा मंदिर माता का आभूषणों में मिलावट का यह मामला तब उजागर हुआ जब बासुदेव नारायण ज्वलेर्स के संचालक नारायण दास एवं उसके मिस्त्री बापन दास के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। तब जाकर बासुदेव नारायण ज्वलेर्स मिस्त्री द्वारा इस बात की जानकारी मंदिर समिति के सदस्यों को देते हुए मीडिया को भी बताये कि बासुदेव नारायण ज्वलेर्स के संचालक द्वारा अम्बटिकरा मंदिर के आभूषणों में से 26 ग्राम सोना और चांदी के छत्र से चांदी को काटकर अपने पास रख लिया। और उसके जगह पीतल व अन्य धातु मिला दिया गया। बासुदेव नारायण ज्वलेर्स के मिस्त्री बापन दास का कहना है कि सोना का आभूषण जो बना है वह बासुदेव नारायण ज्वलेर्स में नहीं बना बाहर से बनकर आया। लेकिन बासुदेव नारायण ज्वलेर्स संचालक द्वारा मंदिर समिति द्वारा दिया गया सोना में से 26 ग्राम सोना व चांदी को काट कर रखने के बाद सोना को पीघला कर सोना बाहर भेजा है आभूषण बनाने के लिए। बात है आस्था से जूड़ा हुआ, साल में दो बार अम्बेटिकरा मंदिर में नव रात्र मनाया जाता है और हजारों की संख्या में लोग आस्था का दीप जलाते हुए पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन उसी मंदिर के माता के आभूषणों से सोना का अफरा तफरी हो जाना बहुत बड़ी दुख की बात है। इस प्रकार से माता के आभूषणों के साथ अफरा तफरी होने से क्षेत्रवासियों का भरोसा मंदिर समिति से उठता दिख रहा है। लोगों का कहना है इतने दिन हो गये मामला को उजागर हुए, लेकिन मंदिर समिति द्वारा आज तक संज्ञान नहीं लेने का मतलब समझ नहीं आ रहा है कि कारण क्या है। नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि जिस तरह से तोप मामला शांत हो गया है उसी तरह अम्बेटिकरा मंदिर के माता के आभूषण में मिलावट का मामला भी शांत हो जायेगा। अब देखना होगा की नगर वासियों का चर्चा कितना सच्च होते हैं वहीं शासकीय मंदिर समिति के सदस्य टीकाराम पटेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताये कि माता के गहनों को किसी अच्छा सा ज्वलेर्स में ले जाकर जांच करवा जायेगा और अगर मिलावट पाया जाता तो दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किया जायेगा।