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गुरुओं द्वारा पढ़ाई तुंहर पारा और कोरोना जागरुकता के संदर्भ में निकली विशाल एवं लंबी ऐतिहासिक रैली

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कापूूूूूू। कोरोना महामारी के इस भयावह एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में जिला रायगढ़ के विकासखंड धरमजयगढ़ के अंतर्गत प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण मैनपाट के तराई में अवस्थित संकुल कापू के जिम्मेदार एवं कर्तव्य निष्ठ शिक्षकों ने स्व प्रेरित होकर संकुल प्रभारी गौरी शंकर पांडे के सफल नेतृत्व, संचालन लक्ष्मण महेश्वरी समन्वयक प्रेम सिंह ठाकुर, नोडल जयप्रकाश राठिया, कर्मठ शिक्षक फिरत राम सांडे, राकेश पैंकरा के प्रतिनिधित्व में पीड़ित एवं जरूरत मंद बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना हो एवं कोरोना से बचाव के महत्वपूर्ण उद्देश्य को लेकर तकरीबन 45 किलोमीटर की दूरी 15 से अधिक ग्रामों में मोटरसाइकिल रैली निकालकर एक अनूठा एवं ऐतिहासिक कार्य को अंजाम दिया। जहां शालाओं के बच्चों के प्रातः इम्तिहान समापन के पश्चात कापू के आसपास अवस्थित विविध 15 से भी अधिक ग्राम तक पहुंचकर शासन के महत्वपूर्ण योजनाओं ऑफलाइन क्लासेस/ पारा क्लासेस में शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति एवं कोरोना महामारी से बचाव के उद्देश्यों से एक लंबी रैली निकालकर एक अनूठा मिसाल कायम किया। ज्ञातव्य है कि गांव-गांव, पारे- टोले, मोहल्ले-मोहल्ले में रैली के शक्ल में पहुंचकर संबंधित नारो एवं गानों के माध्यम से पलकों बच्चों एवं जनप्रतिनिधियों को प्रेरित एवं आंदोलित किए। जहां संबंधित स्कूलों के अलावा अन्य संकूलों बैरागी, सोनपुर आदि के बच्चों, पलकों, जनप्रतिनिधियों को ऑफलाइन/पारा क्लास के लिए प्रेरित एवं निवेदन किया गया। यह रैली संकुल कापू से निकलकर गौढी खुर्द, मेडरीढाप, माझा पारा, हाई स्कूल कापू, बन्धनपुर, सोनपुर, मौहार पारा,रतनपुर, समानिया, बाँझी आमा, परसा गोसाई पोड़ी, टाटानगर धनपुरी, पत्थलगांव खुर्द से होते हुए कापू तक विविध नारे एवं शिक्षा के अलख जगाने वाले गानों से गली-गली रैली के गुजरने से गुंजायमान था विविध पालकों, संबंधित बच्चों, जनप्रतिनिधियों से मिलकर साक्षात्कार लिया गया जगह-जगह, ग्राम-ग्राम में सभाओं का आयोजन करते ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से जागरूकता फैलाने वाली विचारें प्रस्तुत की गई जो कि अत्यंत कारगर एवं प्रभावी रहा।
अंततः प्रतिनिधि शिक्षकों द्वारा आभार प्रदर्शन एवं संक्षिप्त उद्बोधन के पश्चात कार्यक्रम की औपचारिक समापन की घोषणा सायं 7 बजे कड़ाके की ठंड में रोमानुस टोप्पो द्वारा की गई। शिक्षकों का उत्साह, कार्य के प्रति समर्पण,अभूतपूर्व कर्तव्यनिष्ठता निश्चय ही काबिले तारीफ रहा।

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