प्रकाश मिश्रा, जोहार छत्तीसगढ़।
जशपुर। देश में कोरोना का भय मार्च अप्रेल के महीने में जो लोगों के बीच देखने को मिला था अब लोगों के बीच से भय शायद ख़त्म सा हो गया है। मामला है छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के केराडीह ग्राम का जहाँ ग्रामीणों के सहयोग से फुटबाल मैच का आयोजन किया गया। भीड़ को देखने से लग रहा था मानो देश में कोई महामारी आई ही न हो लोगों में न तो शोसल डिस्टेंस देखा जा रहा था और न ही चेहरे पर मास्क नाम की कोई चीज। एक तरफ भीड़ भाड़ का आलम तो दूसरे तरफ आने वाले समय में दुर्गा पूजा और दशहरा जो हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार माना जाता है लेकिन उसपर भी प्रशासनिक फरमान जो कही न कही शासन प्रशासन को सत्य के कटघरे में खड़ा ने को मजबूर करती है। एक तरफ पूजा पाठ में बंदिशों का आलम तो दूसरी तरफ धरना प्रदर्शन, रैली, फुटबाल मैच ये सब में छूट शासन प्रशासन की दोहरी नीति को प्रदर्षित करता है। इस बात पर हमने कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ट के जिला अध्यक्ष इफ्तखार हसन से बात की क्योंकि मामला उन्ही के गांव से जुड़ा हुआ था तो उन्होंने प्रशासनिक पाबन्दी की बात सर्व से सर्व समाज के लिए की गई है और ओ भी मानते हैं कि भीड़ भाड़ वाले जगह में कोरोना संक्रमण का भय तो है। लेकिन उन्हीं के गांव में इस तरह का फुटबाल मैच आयोजन होना कई सवाल को खड़ा करता है। बरहाल शासन प्रशासन को कोरोना को लेकर समाज में दोहरा चरित्र का निर्माण नहीं करना चाहिए या फिर पाबंदी को सभी क्षेत्र में शोसल डिस्टेंस और मास्क का प्रयोग अनिवार्य कर देना चाहिए क्योंकि कोरोना न तो पार्टी देखता है और न ही किसी जाती धर्म को।