जोहार छत्तीगढ़-घरघोड़ा।
चार तरह के अन्य प्रकार के कोरोना वायरस होते हैं। जो कि लोगों को नियमित रूप से प्रभावित करते रहते हैं। जिनका नाम एनएल 63, 229 ई, ओसी 43 और एचकेयू-1 होते हैं। पांचवा सार्ससीओवी-2 होता है। जो कि कोविड-19 का कारण बनता है। जुलाई में ऑक्सफ ोर्ड विश्वविद्यालय की एक रिसर्च के मुताबिक, यदि कोई भी इनमें से किसी के भी द्वारा पहले संक्रमित हो चुका है तो शरीर कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित कर सकता है। एक विशेष बात यह है कि हमारे देश में विकसित किये गये कोविड-19 रेपीड टेस्ट किट, इन चारों प्रकार के कोरोना वायरस से संक्रमित रोगी को पॉजीटीव दिखा देता है। क्योंकि इनके सेंसर इनके स्ट्रक्चर के डिफ रेंस को फि ल्टर नहीं कर पाता है। इस कारण से आजकल बहुत ज्यादा मात्रा में कोरोना पॉजीटीव केस सामने आ रहा है। वे कोरोना पाजीटीव तो जरूर हैं किंतु कोविड-19 पॉजीटीव ही है यह जरूरी नहीं है। बल्कि ज्यादातर हमारे क्षेत्रीय मामले में कोविड-19 तो बिलकुल भी नहीं है। पर कोरोना जरूर है कोविड-19 के पहले भी हम कोरोना वायरस से ग्रसित होते थे। और वैसे ही लक्षण होता है जो कोविड-19 का है किंतु इससे हमे 10-15 दिनों में स्वत: ही निजात मिल जाता था। इसे ही वायरल फि वर के नाम से हम जानते थे और जानते हैं। जो कोरोना पॉजीटीव 10 15 दिन में ठीक होकर आ रहे हैं वे ऐसे ही हैं। कोविड 19 से ग्रस्त मरीज का अभी भी इतना जल्दि ठीक हो पाना संभव नहीं है क्योंकि अन्य कोरोना वायरस से कही ज्यादा खतरनाक है यह कोविड-19 यदि सही टेस्ट किट व कोविड-19 का सही जांच हो जाये तो भारत में अभी भी बहुत ही कम केस होंगे। और यह अभी हमारे क्षेत्र तक सायद पहुंचा ही नहीं हो। क्योंकि यह बीमारी विदेश से आये लोगों द्वारा ही फैला है जो कि प्रारंभ में लॉकडाउन होने से निश्चित ही इस पर ब्रेक लग गया है। जो मजदूर बाहर से आये हैं उनके द्वारा यह बीमारी नहीं फैला है क्योंकि वे मजदूर भले ही गंदे मैले कुचेले में रहे हैं लेकिन कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की संभावना बहुत ही कम है क्योंकि बड़े संपन्न परिवार के लोग इनके संपर्क में रहते नहीं है और जब वे भारत आये भी तो उसे कोरनटाइन कर के प्रारंभ में ही जांच कर लिया गया था। हां यह भी सच है कि तबलीकी जमात जैसे कुछ लापरवाह संगठन व व्यक्तियों के द्वारा ही आम लोगों में यह प्रसारित हुआ होगा। फि र भी वर्तमान में इतने सारे पॉजीटीव मरीज जो मिल रहे हैं वे सभी कोवीड-19 पॉजीटीव नहीं है। बहुत कम संख्या में ही हो सकते हैं। इस पर मेडिकल विभाग व भारत सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। यह केवल मेरा प्रारंभिक रिसर्च व मेरा अपना विचार है इस पर आप अपना तर्क व विचार मुझे बता सकते हैं।
डॉ. आर. एस. यादव,
एआईआईटी कॉलेज व युनिक हेल्थ केयर घरघोड़ा,रायगढ़.
मो. 9827538003, 7000987194