जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस साल वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में ही सावधानी पूर्वक इस राष्ट्रीय पर्व को मनाया जा रहा है। 15 अगस्त के दिन शासकीय कार्यालयों, स्कूलों एवं अनेक निजी प्रतिष्ठानों ध्वजारोहण किया जाता है। लेकिन आज धरमजयगढ़ के अनेक शासकीय कार्यालयों में ध्वज संहिता का उल्लंघन किया गया है। क्योंकि उनके द्वारा ध्वजारोहण न कर बल्कि सीधे झंडा फहरा दिया गया।
आईये जानते हैं ध्वजारोहण और झण्डा फहराने में क्या अंतर है?
भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था। और ब्रिटिश शासन चल रहा था। 15 अगस्त के दिन जब भारत स्वतंत्र हुआ तब अंग्रेजों के झण्डा को नीचे उतारते हुए भारतीय तिरंगे झंडे को नीचे से ऊपर ले जाकर फहराया गया। जिसे ध्वजारोहण कहते हैं। और 26 जनवरी 1950 को भारत आजाद हो चुका था इस दिन तिरंगे झंडे को सीधा ऊपर ही फहराया जाता है। ध्वजारोहण को अंग्रेजी में फ्लैग होइस्टिंग कहते हैं 26 जनवरी के झंडा फहराने को फ्लैग अंफर्लिंग कहते हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा के बैठक में अपनाया गया था। इस राष्ट्रीय ध्वज की अभिकल्पना पिंगली वैंकेया ने की थी।
इन कार्यालयों ने किया ध्वज संहिता का उल्लंघन
आज 15 अगस्त को ध्वज संहिता का उल्लंघन करने वालों में अपैक्स बैंक एवं टीएसएस धरमजयगढ़ में अध्यक्ष हरिराम द्वारा ध्वजारोहण न कर झंडा फहराया गया।
कार्यालय जनपद पंचायत धरमजयगढ़ में अध्यक्ष पुनीतराम राठिया द्वारा भी ध्वज संहिता का उल्लंघन कर झंडा फहराया गया।
धरमजयगढ़ की शान जिले की एकमात्र संस्थान जहां से पढ़ाई कर युवा शिक्षक बनते हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान धरमजयगढ़ कार्यालय में भी संस्था प्रमुख कामिनी पूरी द्वारा भी सीधे ऊपर बांधकर झंडा फहराया गया।
नगर पंचायत धरमजयगढ़ कार्यालय में भी अधिकारी-कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधियों के गरिमामय उपस्थित में अध्यक्ष तरुणा श्याम साहू द्वारा ध्वज को ऊपर बांध कर फहराया गया।
देश को आजाद हुए सात दशक हो चुका है और आज भी इन कार्यालयों में विधिवत ध्वजारोहण न किया जाना बहुत ही गम्भीर विषय है। क्योंकि आम जनता इन्हीं से प्रेरणा लेते ही और इन्हीं लोगों द्वारा आमजनता को संविधान की पाठ पढ़ाई जाती है। लेकिन खुद इन कार्यालयों में ध्वज संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। कई विभागों के प्रमुख कई वर्षों से अपने पद पर बने हुए हैं एवं सेवानिवृत्त का समय आ गया है उनके द्वारा भी अभी तक ध्वज संहिता को नहीं पढ़ा जाना सोचने का विषय है, क्योंकि जिस तिरंगे की शान के लिए लाखों लोग शहीद हो गए। एवं अभी भी उसकी रक्षा के लिए लाखों जवान सीमा पर डटे हुए हैं।
इन कार्यालयों में हुआ ध्वजारोहण – वहीं कई कार्यालयों में विधिवत ध्वजारोहण किया गया जिसमें स्टेट बैंक शाखा धरमजयगढ़, डीएफओ कार्यालय धरमजयगढ़, लोक निर्माण विभाग धरमजयगढ़ कार्यालय शामिल हैं।
और किन-किन कार्यालयों ने किया ध्वज संहिता का उल्लंघन जानने के लिए पढ़ते रहिए जोहार छत्तीसगढ़