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व्यसायिक समाजकार्य संघ छत्तीसगढ़ की हुई आनलाइन बैठक, राज्य सरकार के समक्ष रखी अपनी मांगे

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बीजापुर /जोहार छत्तीसगढ़

कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर व्यावसायिक समाज कार्य संघ छत्तीसगढ़ की बैठक हुई जिसमें 20 जिले मे नव गठित कार्य करणी सदस्यो ने भाग लिया सभा मे प्रमुख रुप से छत्तीसगढ़ राज्य एंव देश मे व्यसायिक समाज कार्य के प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की वर्तमान स्तिथि पर चर्चा की गई । सभा को सम्बोधित करते हुये संघ के प्रदेश नायक श्री संजय जांगड़े जी व सुनील विश्वकर्मा जी ने छत्तीसगढ़ के सभी प्रशिक्षित समाजकार्य कर्ताओं से अपील की वे अपने अधिकारों व सम्मान की रक्षा के लिये एक जुट हो कर कार्य करें। उनका अभिमत है की एक प्रशिक्षित समाज कार्यकर्ता समाज हित, राज्यहित व देशहित के लिये कार्य करता है। एक प्रशिक्षित समाज कार्यकर्ता किसी समाजिक समस्या का वैज्ञानिक, आधुनिक व विधि सम्मत समाधन प्रस्तूत कर एक व्यसायिक समाज कार्य कर्ता की भूमिका का निर्वाहन कर सकता है। परंतु शासन व प्रशासन की उपेक्षा के कारण यह एक बडा वर्ग राज्य व समाज को अपना योगदान देने मे असमर्थ हो रहा है जिसमे कुछ परिवर्तन और नयापन लाने के लिये सभी MSW प्रशिक्षित समाज कार्यकर्ता को शासन – प्रशासन के समक्ष अपनी मांग रखने के लिये एक साथ आना होगा। इस ऑनलाइन मीटिंग मे 20 जिलों के नवीन प्रभारी कार्यकारणी सदस्यों ने भाग लिया। सभी जिलो के प्रभारी कार्यकारणी सदस्यों ने अपने जिले के सदस्य विस्तार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तूत किया । श्री संजय जांगड़े ने बताया की वर्तमान मे 1 महीने सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के 25 जिलों के 950 से ज्यादा प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ता इस संगठन से जुड़ चुके है और यह संख्या लगातार बढ़ रहीं है। छत्तीसगढ के समाज कार्य संगठन के उदेश्यों को अन्य राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र , दिल्ली जैसे राज्यों के प्रशिक्षित समाज कार्य कर्ताओं के संगठन का समर्थन प्राप्त हो रहा है। इस ऑनलाइन मीटिंग मे संगठन के विस्तार हेतू आगामी कार्य योजना पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही समाज के विकास मे संगठन की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये सभी सदस्यो के विचारो का स्वागत किया गया है।

व्यावसायिक समाजकार्य संघ छत्तीसगढ़ ने इन प्रमुख मांगों को राज्य सरकार के समक्ष रखने का प्रस्ताव पारित किया

  1. CGPSC सहायक प्राध्यापक की भर्ती में समाज कार्य को समाजशास्त्र से अलग किया जाए और एमएसडब्ल्यू को व्यावसायिक रोजगार का दर्जा प्राप्त हो।
    2 . मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में मेडिकल सोशल वर्कर और काउंसिलर के पोस्ट में केवल एमएसडब्ल्यू वालो की नियुक्ति किया जाए।
    3 व्यापम द्वारा आयोजित राज्य पात्रता परीक्षा (SET) में भी एमएसडब्ल्यू का विकल्प हो।
    4 नगर निगम/ पालिका/ नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत स्तर पर एमएसडब्ल्यू वाले विद्यार्थियों के लिए पद सृजित किया जाए व भर्ती किया जाए, इससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
    5 सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त एनजीओ में एमएसडब्ल्यू किए हुए विद्यार्थियों की नियुक्ति की जाए व साथ ही फर्जी एनजीओ पर लगाम लगाए जाए
    6 प्रत्येक मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, में सोशल वर्कर की नियुक्ति की जाए , जिससे कि स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा मिलेगा
    7 प्रत्येक स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज में एमएसडब्ल्यू किए हुए लोगों को एजुकेशनल काउंसलर के पद पर नियुक्ति की जाए, जिससे कि राज्य में शिक्षा के स्तर को बढ़ाया जा सकता है, काउंसिलिंग के माध्यम से छात्रों में पायी जाने वाली कुंठा, तनाव , हताशा , आत्महत्या जैसी सामाजिक समस्या को समाप्त किया का सकता है!

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