धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। धरमजयगढ़ वन मंडल हमेशा किसी न किसी बात को लेकर सुर्खियों में बना रहता है, घटिया निर्माण कार्य हो या फिर मृत लोगों के नाम पर मजदूरी हड़प लेना वन विभाग के लिए आम बात है। धरमजयगढ़ रेंज के अधिकारी-कर्मचारियों ने एक बार फिर नया कारनाम कर दिखाया है। नगर पंचायत द्वारा निर्मित एसडीएम कार्यालय के सामने की दुकान क्रमांक 7 एवं 8 के सामने एक आम पेड़ को 8 अगस्त 2020 को वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा बिना अनुमति के दुकानदार को लाभ पहुंचाने के लिए काट दिया गया। जबकि जिस पड़े को काटा गया वह पेड़ राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा जब इस पड़े को काटा जा रहा था एवं रोड़ को जाम किया गया था उस समय राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सब देखकर आंखमुंद लिये थे। लेकिन किसी ने यह जानना उचित नहीं समझा कि पेड़ को क्यों और कौन काट रहा है। जब इस संबंध में वन परिक्षेत्राधिकारी धरमजयगढ़ से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पेड़ काटने का कोई अनुमति नहीं दिया गया है और न ही किसी अधिकारी कर्मचारी की ड्यूटी पेड़ काटने के लिए लगाया गया था। रेंजर बार बार यही बोलता रहा कि छोडिय़े न मोहदय आप भी छोटी-छोटी बात को पकड़ते हैं। आप खुद जान रहे हैं किस लिए स्टाफ पेड़ काटने के लिए गये थे। मैंने तो अपने स्टाफ को भी बोला काहे आप लोग पेड़ काटने के लिए गये हैं आप लोगों को जाने की क्या जरूरत था।
काटे गये लकड़ी का पता नहीं रेंजर वस्त्रकार को
बिना अनुमति के राजस्व के पेड़ को काटना एवं काटे गये पेड़ को कहां ले गये इसकी जानाकरी वन विभाग के अधिकारी को नहीं मालूम जब धरमजयगढ़ वनपरिक्षेत्राधिकारी वस्त्रकार से जानकारी ली गई कि काटे गये पेड़ की लकड़ी को क्या किया गया क्या आपके काष्टागार में जमा किया गया या नहीं तो रेंजर वस्त्रकार ने बताया कि इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। वहीं जब प्रभारी रेंजर वस्त्रकार से पूछा गया कि दुकानदार को लाभ पहुंचाने के लिए बिना अनुमति के आपके अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा पेड़ काटने गये कर्मचारियों पर क्या आप कार्यवाही करेंगे? तो प्रभारी रेंजर ने बताया कि उनके उपर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
क्या डीएफओ करेंगे इन अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही?
अवैध तरीके से पेड़ कटाई के मामले में धरमजयगढ़ डीएफओ को पूरी जानकारी एवं कॉल रिकाडिंग दे दिया गया है अब देखना होगा कि इन लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर डीएफओ कार्यवाही करते हैं या फिर इनको ऐसा ही करने की छूट दे दिया जाता है।