जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
ग्रामीणों द्वारा गांव का विकास हो एवं ग्रामीणों का सुख दुःख में कम आये इसके लिए लोग सरपंच चुनते हैं। लेकिन धरमजयगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत खर्रा का सरपंच ने विकास कार्य छोड़ अपनी जेब भरने के लिए गाय बैल को कत्लखाना भेजने का काम कर रहा है। आसपास के गांव के मवेशियों को इकट्ठा कर सरपंच अब गाय के दूध पीते बछड़ों तक को कत्लखाने तक पहुंचाने की जबाबदारी लेने लगे हैं।और अपनी दबंगई दिखाते हुये बकायदा गांव के मुहाने पर जमा करके सबके सामने इस अवैध धंधे का कारोबार कर रहे है। वहीं गांव में कांजीहाउस तथा गौठान नही होने जैसे बेबुनियाद बातों के सहारे जहां गांव के ग्रामीणों को बेवकूफ बनाकर गौतस्करों के हवाले इन मवेशियों को सौपने की तैयारी चल रही हैं। वही गांव में रोका छेकां अभियान के तहत कृषकों से इन मवेशियों को गौठान भेजने के नाम पर यह कारोबार करने की बात सामने आ रही है। मामला है धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खर्रा का है सरपंच ने गांव में लगभग 50-60 मवेशियों को एक घेरा बनाकर रखा है और कत्लखाना ले जाने वाले मवेशी तस्कर को बुलाकर बेचने का धंधा कर रहे हैं। मवेशी के पास एक गौतस्क का धंधा करने वाले का मजदूर ने बातये की सरपंच इन सभी गाय बैल को मेरे मालिक को बेच रहे हैं।गांव में इन दिनों खेत खलिहानों में फसल नुकसान की बात को लेकर खर्रा सरपंच आसपड़ोस के गाय, बैल और दूध पीते बछडों को अपने पंचायत खर्रा में इकट्ठा किया और सरकार की रोका छेकां अभियान के नाम पर सारे मवेशियों को बूचड़खाने ले जाने गौतस्करों से सौदा भी सरपंच द्वारा कर लिया गया। वहीं जानकारी मिलने पर कामधेनु सेना के प्रदेश महासचिव नारायण बाईन ने जब पूरे मामले की जानकारी ली तो खर्रा सरपंच द्वारा मवेशियों के बिक्री करने की करते हुए खूब दादागिरी करते रहे। और बोलता रहा जिसको जो करना है करों मैं। इस गांव का मुखिया हूं मेरे पास पवार है मैं चाहे गाय बैल को कत्लखाना भेजूं या और कुछ करूँ मेरी मर्जी है। जिससे साफ हो गया कि मवेशी तस्कर और सरपंच की सांठगांठ से इस अवैध कार्य को किया जा रहा है।