जोहर छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल तक राज करने के बाद भाजपा अब विपक्ष में बैठी है।लम्बे समय तक सरकार में रहने के कारण नेताओं व कार्यकर्ताओं के सिर से सत्ता का नशा खत्म नहीं हो पाया है।सत्ताकाल में उपजी गुटबाजी अब विपक्ष में भी समाप्त होती नजर नहीं आ रही है।मण्डल भाजपा धरमजयगढ़ भी इस गुटबाजी का शिकार है।यहाँ भी मनमुटाव चरम सीमा पर है।जो साफ साफ दिखाई देता है।क्योंकि अन्य मण्डलों में नए अध्यक्ष का चयन हो चुका है।लेकिन धरमजयगढ़ में अध्यक्ष चयन स्थगित कर दी गई है।जब अध्यक्ष का चयन करने जिला से पर्यवेक्षक आए थे तब यहाँ के बड़े नेताओं व ग्रामीण कार्यकर्ताओं में फूट के कारण ही चयन स्थगित करना पड़ा था।जिसका आज तक चयन नही हो पाया।नए अध्यक्ष का चयन नही होने से भाजपा यहाँ शून्य दिखाई दे रहा है।हमें तो लगता है कि वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्ति की ओर है जिस कारण वे सक्रिय नही है वही नया कौन बनेगा संशय है जिस कारण कोई मेहनत करना नही चाह रहा है।जिस कारण पार्टी द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में धरमजयगढ़ भाजपा दिखाई नहीं दे रही है।जैसे युवा मोर्चा द्वारा निर्धारित सरकार का पुतला दहन हो या डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती हो।सत्ता से पहले जब भाजपा विपक्ष में थी तो उनके तेवर ही अलग थे।उस समय के कार्यकर्ता अब वरिष्ठ हो चुके हैं जिनकी पार्टी में अहमियत कम हो गई है।वही आज के युवा नेता सब सरकार आने के बाद जुड़े हैं।जिनको विपक्षी तेवर या कार्यो की जानकारी नही है।ऐसे में विधानसभा क्षेत्र के मुख्य मण्डल धरमजयगढ़ में अध्यक्ष की ताजपोशी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के लिए कड़ी चुनौती है।यहाँ किसी निर्विवाद कार्यकर्ता को हो अध्यक्ष बनाने से ही भाजपा की गुटबाजी समाप्त हो सकती है।नही तो फिर भाजपा का हाल और खराब हो जाएगा।क्योंकि विगत नगर व जनपद पंचायत चुनाव में सब दिख चुका है।