Home समाचार प्रथम महापौर को श्रद्धांजलि देना भूली चिरिमिरी काँग्रेस कमेटी … प्रतिमा स्थापित...

प्रथम महापौर को श्रद्धांजलि देना भूली चिरिमिरी काँग्रेस कमेटी … प्रतिमा स्थापित कर उनकी स्मृति को चिरस्थायी करने की माँग

98
0

कविराज, जोहार छत्तीसगढ़

कोरिया। चिरमिरी की प्रथम निर्वाचित महापौर स्व.सुभाषिनी सिंह को चिरमिरी के विकास में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए जाना जाता हैं, दलगत राजनीति से परे जितनी आदर और सम्मान के साथ चिरमिरी निवासी उन्हें याद करते हैं शायद ही किसी अन्य नेता को इतना सम्मान मिलता हो।हर कोई सोशल मीडिया में नम आँखों से इस दिवंगत नेता के सरल, सहज, मृदुभाषी व्यवहार को याद कर रहा हैं,लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि चिरमिरी काँग्रेस संगठन अपनी दिवंगत जनप्रिय नेता की जयंती पर उन्हें याद करना मुनासिब नही समझा।हालांकि सोशल मीडिया फेसबुक में चिरमिरी के नागरिकों,बुद्धिजीवियों,काँग्रेस नेताओ ने चिरमिरी की प्रथम महापौर को उनकी जयंती पर याद किया लेकिन आधिकारिक रूप से काँग्रेस संगठन ने उनकी जयंती पर कोई सामाजिक कार्य जैसे कार्यक्रम आयोजित नही किए।कई बुद्धिजीवियों ने इस विषय पर सोशल मीडिया में लिखा कि चिरमिरी की प्रथम महापौर की जयंती पर कम से कम काँग्रेस संगठन को वृक्षारोपण जैसे कुछ सामाजिक कार्यक्रम कर उन्हें श्रद्धाजंलि देते जो सही मायनों में दिवंगत नेता को श्रद्धाजंलि होती।वही कई लोगो ने चिरमिरी के किसी चौक में प्रथम महापौर की प्रतिमा लगाकर उसका नामकरण सुभाषिनी चौक करने की वकालत की।हालाँकि बताते हैं कि पूर्व महापौर डमरू रेड्डी के कार्यकाल में चिरमिरी की प्रथम दिवंगत महापौर के चिरमिरी विकास में अविस्मरणीय योगदान की स्मृति में उनकी प्रतिमा लगाने सम्बन्धी प्रस्ताव निगम परिषद में पारित किया गया था,लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी आज पर्यंत चिरमिरी की प्रथम महापौर की प्रतिमा आख़िर क्यों नही स्थापित हुई इसको जानने में जिम्मेदार लोगों को सुध नही हैं।फ़िलहाल चिरमिरी की वर्तमान महिला महापौर श्रीमती कंचन जायसवाल से चिरमिरी वासियो की अपेक्षा हैं कि वे चिरमिरी की दिवंगत प्रथम महिला महापौर स्व.श्रीमती सुभाषिनी सिंह की प्रतिमा किसी चौक में स्थापित कर उस चौक का नामकरण सुभाषिनी चौक कर उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाये व ये सही मायनों में उन्हें सही श्रद्धाजंलि होगी जिससे चिरमिरी की नवोदित पीढ़ी भी उन्हें जान सके।राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यदि प्रथम महापौर जीवित रहती तो वे आज विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रही होती,उनके कार्य व्यवहार उन्हें और बुलंदियों पर ले जाते लेकिन अफ़सोस असमय उनके निधन ने चिरमिरी के एक जनप्रिय नेता को उनसे दूर कर दिया लेकिन वे सदैव चिरमिरिवासियो के ज़ेहन में चिरस्थायी रहेंगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here