अनिल साव, जोहार छत्तीसगढ़।
कुड़ेकेला। कोविड -19 के लेकर शासन ने अधिकारी कर्मचारियों को विशेष रूप से दिशा निर्देश जारी किया हुआ है, जिसका लोगो को पालन कराना संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को अनिवार्य है।जिसके तहत अभी लॉक डाउन में अपने घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों और बाहर से आने जाने वालो लोगो पफ निगरानी रखने उनको क्वारेंटाइन करने उन्हें खाने पीने, सुरक्षा सहित हर सुविधा मुहैया कराने जिला , तहसील सहित ग्राम पंचायत स्तर पर जिम्मेदार लोगों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
लेकिन यहाँ आपको बड़ी दुर्भाग्य स्थिति से अवगत कराना चाहेंगे कि जहाँ कोविड – 19 के निर्देशों का पालन नही किया जा रहा था हम बताना चाहेंगे कि यह मामला रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कुड़ेकेला की है जो कुछ दिनों से काफी चर्चो में था यंहा सरपंच संतराम राठिया द्वारा 2 लोगो को क्वारेंटाइन करके तो रख दिया था पर उनका सुध लेना लाजमी नही समझ रहे थे। ना तो उनके लिए खाने का प्रबंधन किया गया था और ना ही पीने के लिए पानी का, यंहा तक कि उनके हाथ धोने के लिए साबुन और ना हि सेनेटाइजर का व्यस्था किया गया था। बस रात में सोने के लिए एक दरी दे दिया गया था आपको बता दे कि सेंटर में एक महिला भी है लेकिन उसके लिए किसी भी महिला का रात में ड्यूटी तक नही है।
जिसका खबर प्रकाशित होने के बाद शासन – प्रशासन महमके में आया फिर तुरंत अनुविभागीय अधिकारी के दिशा निर्देश पर तहसीलदार उमेश्वर बाज सर के द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर का निरक्षण किया गया जिसे काफी कमियां पाई गई जिसका पंचायत में कड़ाई से पालन करने को कहा गया तब जाकर क्वारेंटाइन सेंटर में सेनेटाइजर, सुबह नाश्ता व खाने के लिए खाना व कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाया गया।
आपको बता दे कि दो दिन पूर्व खबर निकले के बाद से सरपंच संतराम राठिया मिडिया के प्रति नाराज था क्योंकि मीडिया ने उनके क्वारेटाइन सेंटर कि बदहाली का पोल खोलकर रख चुकी था। लेकिन अब भी रात के समय किसी की भी ड्यूटी नही रहता क्वारेटाइन सेंटर सिर्फ वंहा दो लोग जो क्वारेटाइन है वे ही वंहा रहते है। वंहा महिला जो क्वारेटाइन है उसके पिता रात को सेंटर के बाहर खुले में रहते थे लेकिन उन्हें अंदर सोने की अनुमति सरपंच संतराम राठिया द्वारा नही दिया गया जिसके वजह से वे भी जंगली जानवरों और आएदिन हो रहे हाथियों द्वारा हो रही जनहानि को देख व सुनकर डर गए जिसके वजह से वे भी अब रात में सोने आना छोड़ दिये।
जब आज अनिल साव संवाददाता – जोहर छत्तीसगढ़ द्वारा क्वारेटाइन सेंटर में वहां रह रहे लोगो से उनके हालचाल व वहा की व्यस्था के बारे जानने के लिए क्वारेटाइन सेंटर गए तो सरपंच संतराम राठिया द्वारा मुख्य गेट के बाहर से ही कड़े शब्दो मे क्या करने आये हो यंहा, भागो यंहा से मेरा गाँव है ये, मैं यंहा का सरपंच हूं तुमलोग चले जाओ नही तो ठीक नही होगा। कोई नही मिलेगा किसी से मेरे पंचायत का कोई भी खबर नही चलना चाहिए । जब अनिल साव द्वारा बोला गया कि हम बस बात करने आये है सेंटर में रह लोगो से फिर भी सरपंच द्वारा उनसे मिलने नही दिया गया।
सरपंच के द्वारा मीडिया के प्रति एसे व्यहार से मानो लगता है कि अभी भी क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगो को सुविधा नही मिल रही है जिसकी वजह से वे मीडिया में सरपंच की पोल न खोल दे जिसका सरपंच संतराम राठिया को डर है जिसके वजह से मीडिया को क्वारेंटाइन सेंटर के आस पास जाने नही दिया जा रहा।