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अम्बेटिकरा में नहीं लगेगा मेला, कोरोना बनी वजह

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धरमजयगढ़- जोहार छत्तीसगढ।
चैत्र का महिना चल रहा है। और शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में मां दुर्गा की अराधना का पर्व नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। धरमजयगढ़ के माण्ड नदी के पावन तट पर मां अंबे की मंदिर है जहां दशकों से नवरात्रि का मेला लगता है। यहां नौ दिनों तक माता के भक्तों का तांता लगा रहता है। नदी तट पर स्थित यह जगह अति मनोरम है। दूर-दूर से दर्शनार्थी आकर मां की पूजा अर्चना करते हैं सैकड़ों भक्त यहां मनोकामना पूर्ति हेतु ज्योत कलश की स्थापना करवाते हैं। नौ दिनों तक मेला का नजारा रहता है। वहीं नवरात्रि की अंतिम रात को भव्य आनंद मेला का आयोजना किया जाता है। संस्कृति को सहेजे लोकनृत्य, नाटक का मंचन करने दूर-दराज से नाटक मंडली आती है जिसे देखने को हजारों की संख्या में लोग सपरिवार आकर मेला का आनंद लेते हैं। मेले में आसपास के दुकानदारों के अलावा अन्य राज्यों के दुकानदार भी आकर खिलौना, मनिहारी कि दुकान लगाते हैं। धरमजयगढ़ से लगभग 7 किमी. दूरी में स्थित मां अंबे की मंदिर का दूर-दूर तक ख्याति है वर्ष के दोनों नवरात्रि में यहां लोग पूजा अर्चना करने आते हैं। लेकिन इस वर्ष विश्व में फैले कोरोना वायरस के कारण सब फिका पड़ रहा है। शासकीय मंदिर समिति के बैठक में इस वर्ष सभी कार्यक्रमों को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। नवरात्रि में लगने वाले भण्डारे पर भी रोक लगा दी गई वहीं दशकों से हो रही आनंद मेला लोक नाट्य कार्यक्रम भी नहीं होगी। भक्तजन सादगी रूप में जाकर माता का दर्शन कर सकेंगे।

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