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शादी होते ही मायके से विदा होकर फूलों से सजी कार में ससुराल की जगह परीक्षा देने कॉलेज पहुंची दुल्हन

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कविराज, जोहार छत्तीसगढ़। बैकुंठपुर/खडग़वां। बीएसपी प्रथम वर्ष में अध्ययनरत एक छात्रा शादी की अगली सुबह मायके से विदा होकर ससुराल जाने की बजाय प्रैक्टिकल परीक्षा देने सीधे कॉलेज पहुंची। इस दौरान कॉलेज परिसर में फूलों से सजी कार से नई नवेली दुल्हन को उतरते देख अन्य छात्र-छात्राएं हैरान रह गए। वहीं कॉलेज स्टाफ-स्टूडेंट्स ने अपनी पढ़ाई के प्रति इतना संजीदा होने के लिए तारीफ कर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने नई नवेली दुल्हन के इस कदम को प्रेरणादायक बताया
कोरिया जिले के खडग़वां ब्लॉक के ग्राम सैदा निवासी आंचल साहू शासकीय मां महामाया महाविद्यालय में बीएससी प्रथम वर्ष अध्ययनरत हैं। इसी बीच उसकी शादी तय कर दी गई थी। करीब एक सप्ताह से अलग-अलग संकाय की प्रैक्टिकल परीक्षाएं चल रही थीं।शादी की निर्धारित तिथि 27 फरवरी की रात को वर पक्ष के लोग बारात लेकर पहुंचे और रात में शादी होने के बाद सुबह विदाई दी। वहीं शादी के अगले दिन 28 फरवरी की सुबह 11 बजे से कॉलेज में रसायनशास्त्र विषय की प्रैक्टिकल परीक्षा होनी थी। ऐसे में नई नेवली दुल्हन ने मायके से विदा होने के बाद ससुराल जाने के बजाय अपने पति को लेकर फूलों से सजी कार में सीधे प्रैक्टिकल एग्जाम देने कॉलेज पहुंची। पति सुरेंद्र कुमार पत्नी को बिठाकर स्वयं कार चलाकर कॉलेज तक पहुंचा। साथ ही उसके जीजा लव कुमार साहू व एक अन्य रिश्तेदार राजेश्वर साहू भी मौजूद रहे।
एक शिक्षित नारी, दो परिवार को शिक्षित करती है: डॉ बावरिया
महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ अमित कुमार बाबरिया ने पै्रक्टिकल एग्जाम खत्म होने के बाद वर-वधु को श्रीफल, उपहार देकर बिटिया को विदाई दी। साथ ही अन्य प्राध्यापक-स्टाफ ने नवविवाहिता को आशीर्वाद देकर नई जिंदगी की शुभकामनाएं दीं। वहीं वर-वधु ने कॉलेज के सभी विद्यार्थी, स्टाफ को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद मांगा। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. बावरिया ने कहा कि शिक्षा का महत्व आज के समय में अन्य सभी जरूरतों से कहीं ज्यादा है। विशेषकर नारी शिक्षा को बढ़ावा देना और आज का सिद्धांत है कि एक नारी अकेली शिक्षित नहीं होती है, बल्कि पूरे परिवार को शिक्षित करती है।

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