धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
गांव को शहर के तर्ज पर विकास करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन कलस्टर योजना के तहत धरमजयगढ़ जनपद पंचायत को करोड़ों रूपये आबंटन दिये, लेकिन करोड़ों रूपये देने के बाद भी इस योजना के तहत ग्राम पंचायत का विकास कुछ भी नहीं हुआ। इस योजना को लागू करते 4 साल पूर हो गये लेकिन 4 साल में नाम मात्र के लिए निर्माण कार्य किया गया है लगभग सभी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। ग्राम पंचायत द्वारा कराये जा रहे निर्माण अधूरा के साथ-साथ अति घटिया निर्माण करवाया जा रहा है। धरमजयगढ़ जनपद पंचायत के 5 ग्राम पंचायत को श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन योजना के तहत चिन्हित कर शहर के तर्ज पर विकास करने की योजना बनाया गया था ग्राम पंचायत मिरीगुड़ा, नकना, खम्हार, अमलीटिकरा, लक्ष्मीपुर को शासन से करोड़ों-करोड़ों रूपये दिया गया विकास करने के लिए, लेकिन इन पांचों पंचायत में 4 साल से क्या विकास हुआ यह तो देखते ही पता चलता है कि ग्राम पंचायत का विकास हुआ है या फिर अधिकारी-कर्मचारी का? रूर्बन योजना के तहत ग्राम पंचायतों में जो निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है वह पूरी तरह घटिया निर्माण हो रहा है। इस योजना को चार साल पूरा होने के बाद भी इनका एक भी काम पूरी नहीं होना सबसे बड़ा सवाल है कि क्या कारण है कि शासन द्वारा इतना राशि देने के बाद भी काम अधूरा है। ठेकेदार द्वारा इस योजना के तहत बनाये जा रहे भवन में भारी मनमानी करते हुए निर्माण कर रहे हैं। दो भवन को एक साथ मिलकार एक दिवार को गायब कर दिया जा रहा है जबकि दोनों भवन को अलग-अलग बनाना था लेकिन ठेकेदार और इंजीनियर दोनों मिलकर इस तरह के कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है।
इन पंचायत के सचिव भी मजेदार … साहब जो बोले हम तैयार है?
जनपद पंचायत धरमजयगढ़ में जिन 5 ग्राम पंचायत को इस योजना के तहत चिन्हित किया गया उन पंचायत के सचिव भी मजेदार है। इनका कहना होता है कि साहब हमारा कुछ नहीं बिगाड़ेगा साहब जैसे बोलते हैं हम वैसे करते हैं। साहब के एक भी बात को हम नहीं काटते तो फिर साहब हमारे ऊपर कैसे कार्यवाही करेंगे?
निर्माण कार्य की जांच होने पर सचिव पर होगी कार्यवाही
रूर्बन योजना के तहत शासन जितना अधिक राशि इन पंचायतों में दिया गया है उतना ही अधिक इस पंचायतों भ्रष्टाचार हुआ है। घटिया निर्माण ग्राम पंचायत सचिव ठेकेदार से मिलकर किया जा रहा है। प्रशासन को चाहिए कि इनके द्वारा करवाये गये निर्माण कार्य की उचित जांचकर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करें ताकि शासन द्वारा गांव को शहर बनाने की योजना साकार हो सके।