अनिल साव-जोहार छत्तीसगढ़
कुड़ेकेला। छाल से हाटी मुख्य मार्ग में आए दिन हो रही दुर्घटनाएं जहां भारी वाहनों के इस मार्ग में दबाव बढ़ जाने के कारण दोपहिया व छोटी वाहनों का चलपाना मानो दूभर सी हो गई है, वहीं परिवहन विभाग व पुलिस के सुस्त रवैया के कारण इस मार्ग में भारी वाहनों का दबाव बढ़ने के कारण बेतरतीब तरीके से वाहनों का चालान नौसिखिया ड्राइवर, नाबालिक, बिना लाइसेंस के भारी वाहनों का चालन करने के कारण आए दिन इस मार्ग में दुर्घटनाएं मानो आम बात सी हो गई है। जहां छाल थाना को सुबह में सूचना मिली की कूड़ेकेला मुख्य मार्ग के किनारे विद्युत सप्लाई हेतु लगाए गए खंभे को हाटी की ओर से आ रही तेज रफ्तार टेलर ने ठोकर मार कर तोड़ दिया है। जहां सूचना मिलते ही छाल पुलिस घटनास्थल 112 की टीम पहुंची। वहीं कुछ पल बाद कूड़ेकेला से छाल की ओर जा रहे बाइक सवार दो युवकों को अज्ञात ट्रक ने ठोकर मारकर घटना स्थल से फरार हो गया। जहा एक की घटना स्थल पर ही बनहर निवासी अगस्तु 30 वर्ष की मौत हो गई और वही दूसरे व्यक्ति के हालत नाजुक बनी हुई है जिसे 112 की सहायता से उपचार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छाल पहुंचाया गया जहां स्थिति गंभीर होते देख तत्काल जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया गया। वहीं 3 बजे के आसपास थाना को सूचना मिली कि कूड़ेकेला के पास एक ट्रक ने बाइक चालक को अपने चपेट में ले लिया जहां घटना स्थल पर बरबसपुर निवासी सीताराम का मौत हो गया और ट्रक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में खुद अनियंत्रित होकर पलट गई। जिसमें परिचालक के पैर बुरी तरह चोटिल हो गई है जिसे उपचार हेतु निकट स्वास्थ केंद्र छाल 112 में लेकर गए। आए दिन हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए क्षेत्र के लोगों में एक दहशत का माहौल सा बन गया है और वही इस संबंध में छाल थाना प्रभारी से मिलकर ग्रामीणों ने बेतरतीब व तेज रफ्तार चल रहे भारी वाहनों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की मांग 1 दिन पूर्व रविवार को कर चुके हैं। जहां थाना प्रभारी द्वारा ग्रामीणों की बात सुन हाटी से छाल तक के बीच संवेदनशील व अतिसंवेदनशील आबादी क्षेत्र में बैरीकेट लगाने की बात कहा गया था। जहां इस प्रकार के आए दिन हो रहे दुर्घटनाओं को देखकर लोगों में एक आक्रोश की माहौल पनपते जा रहे है। जो कभी भी किसी बृहद आंदोलन को पैदा कर सकती हैं अगर समय रहते ही इन तेज रफ्तार भारी वाहनों पर कोई उचित कार्यवाही नहीं की जाती है तो भविष्य में जल्द ही क्षेत्र के ग्रामीण व जनप्रतिनिधि मजबूरन इन वाहनों की खिलाफ रोड पर उतर कर आंदोलन कर सकते हैं।