धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़ । धरमजयगढ़ के बरतापाली से पुरूंगा जाने वाले मार्ग पर करोड़ों की लागत से पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। जो इस समय काफी चर्चा में है पुल से एप्रोच सड़क बनाने के लिए ठेकेदार द्वारा कई बड़े-बड़े ईमारती पेड़ों को जड़ सहित उखाड़ दिया गया है। ठेकेदार द्वारा उखाड़े गये पेड़ों को तत्काल गायब कर दिया गया अगर ठेकेदार द्वारा वन विभाग से पेड़ को काटने के लिए परमिशन लिया गया होता तो काटे गये पेड़ को वन विभाग के सुर्पुद किया गया होता लेकिन ठेकेदार द्वारा कई ईमारती पेड़ को काट कर गायब करवा दिया गया और वन विभाग इसकी जानकारी तक लेना उचित नहीं समझा। जब ठेकेदार के चौकीदार से काटे गये पेड़ के बारे में पूछा गया तो बातया कि वन विभाग के नाका मैड़म को ठेकेदार 20 हजार रूपये दिये हैं इसलिए तो लकड़ी को वन विभाग को नहीं दिया है। वर्षों से बनाये जा रहे पुलिया का ठेका लुड़ेग के किसी विशंबर अग्रवाल द्वारा कराया जा रहा है। उनके सह पर ही कीमती पेड़ों को कांटकर गायब किया गया है? जबकि नियामानुसार वन विभाग से अनुमति लेने के बाद सड़क बनाने के लिए जितने पेड़ काटे जाते उस पेड़ को काटने के बाद वन विभाग पास जमा किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया ठेकेदार द्वारा काटे गये पेड़ कहां गये किसी को नहीं मालूम।
ठेकेदार ने चौकीदार को 6 माह से नहीं दिया मजदूरी
पुलिया निर्माण के दौरान चौकीदारी कर रहे पंचुराम ने प्रेस को बताया कि विगत 6 माह से ठेकेदार के कहने पर यहां चौकीदारी कर रहा हूं लेकिन ठेकेदार से मजदूरी मांगने पर ठेकेदार बोलता है कि अभी मेरे यहां दु:ख हो गया बाद में दूंगा। ठेकेदार अभी तक मेरे को एक माह का मजदूरी दिया है कभी 500 सौ तो कभी 1000 करके। ठेकेदार तो काम को देखने भी नहीं आता है कभी कभार आता है तो दो-चार मिनट रूक कर चला जाता है। पुलिया निर्माण का कार्य ठेकेदार का मुशी सुंदर ससकोबा वाले देखता है। चौकीदार पंचुराम ने बताया कि अभी जो पेड़ काटा गया है उसको मैं घर ले जाऊंगा।