अनिल साव-कुड़ेकेला। धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल वन परिक्षेत्र हमेशा से सुर्खियां में रहते हैं चाहे गणेश हाथी के लिए हो या लकड़ी तस्करी के मामले में छाल रेंज में लकड़ी तस्कर इतने सक्रिय है कि दिन में जंगल अंदर लकड़ी काटकर इक्क_ा करके रखते हैं रात होते ही तस्कर जंगल पहुंचकर अपने वाहन में ले जाते हैं बड़े ही आसानी से। छाल रेंज में बैठे अधिकारी कभी कभार मुखबीर की सूचना पर तस्कर को पकड़ तो लेते हंै लेकिन जंगल की कटाई को रोक नहीं पा रहे हैं जबकि पेड़ कटने से हमारे वातावरण एवं वन्य प्राणियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही राजस्व की भी नुकसान उठानी पड़ती है। तस्करों को पकडऩे से पहले पेड़ की कटाई पर विशेष अभियान चलाया जाय तो कटाई रूकने के साथ वातावरण की भी बचाव हो सकता है। रविवार दोपहर को जंगल में देखा गया कि छाल रेंज आफिस से 3 किमी की दूरी एवं मैन रोड से महज 20 मीटर की ही दूरी पर 512 आरएफ सागौन एवं बीजा प्रजाति की चार पेड़ काटकर गिराया गया है जिसे तस्कर बड़े ही सावधानी से छुपाया गया है तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है कि पेड़ को काटकर गिराया गया और सुखे पत्ते की झाड़ी को ढक दिया है जिसे किसी की नजर न पड़े और मौका देख ट्रेक्टर गांव तक ले आते हंै गांव लाकर लकड़ी की कटाई चढ़ाई करके रात में इसकी सप्लाई करते हंै इधर छाल रेंज में अधिकारी अनभिग्यता जाहीर करते हंै। आज पेड़ों की अंधाधून कटाई से जंगली जानवारों को जंगल में रहने की व्यवस्था नहीं हो पा रहा है जिससे वन्य प्राणी गांव की तरफ रूख होने से जनधन को हानि पहुंचा रहे हंै।
तस्करों के लिए जंगल में बने हैं सड़क– रात दिन जंगलों में चार चक्का वाहन फर्राटे भरते हंै पूरे जंगलों में चार चक्का वाहन के लिए रोड बने हुए है जिससे आसानी से तस्करी कर वाहन को जंगल से निकला जाता है। लेकिन छाल वनपरिक्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारी को जंगल में तस्करों द्वारा तस्करी करने के लिए बने सड़क नहीं दिखाई देते हैं। रेंज ऑफिस से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर तस्करों द्वारा सागौन, बीजा पेड़ों को काटकर रखे हैं यह पूरे छाल के लोगों को दिखाई दे रहा है सिर्फ वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी को दिखाई नहीं दे रहा है यह बात लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि वन विभाग के अधिकारी कौन सा चश्मा पहने हुए हैं?
अभी तक मेरे जानकारी में नहीं है इसके बारे में कुछ नहीं कह सकता जांच करके बताऊंगा।
राजेश चैहान वन परिक्षेत्र अधिकारी छाल