रायगढ़। आज 25.09.2019 को माननीय विशेष न्यायाधीश(एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम) रायगढ़ की पीठासीन अधिकारी श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी के न्यायालय में आरक्षी केंद्र पुसौर के अपराध क्रमांक 83/2018 धारा 363 +366, 376 IPC, 6 पास्को एक्ट 3(1)(W)(ii) तथा धारा 3(2)(V) SC/ST Act. के प्रकरण की सुनवाई उपरांत आज निर्णय पारित किया गया । खुली अदालत में माननीय न्यायाधीश द्वारा आरोपी को बालिका से दुष्कर्म करने का दोषी पाते हुए धारा 376 (2)(ढ़) में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है । जानकारी के अनुसार थाना पुसौर में दिनांक 20.05.18 को पीडिता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि बालिका दिनांक 19/05/18 को सुबह अपने सहेलियो के साथ तडोला बजार जा रही हूं कहकर निकली और घर नहीं आयी है , रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अप.क्र. 83/18 धारा 363 IPC पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । दिनांक 29.05.18 को बालिका दस्तयाबी ग्राम सिंघनपुर के पास ढाबा पुसौर पुलिस द्वारा आरोपी *प्रकाश सराफ पिता रूसी सराफ उम्र 21 वर्ष निवासी झिलमिली, सरायपाली जिला महासमुंद* के कब्जे से किया गया । विवेचना दरम्यान आरोपी द्वारा नाबालिग बालिका को अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की बालिका जानते हुए उसे शादी का प्रलोभन देकर अपने साथ भगाकर ले गया और उसकी बगैर सहमति उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। आरोपी को गिरफ्तार कर प्रकरण में धारा 366, 376 IPC, 6 पास्को एक्ट 3(1)(W)(ii) तथा धारा 3(2)(V) SC/ST Act. जोड़ी जाकर चालान पेश किया गया । माननीय न्यायालय में दोनों पक्षों की दलीलें एवं उपलब्ध साक्ष्यों का विश्लेषण पश्चात उपरोक्त धारा में आरोपी को कठोर कारावास एवं अर्थदंड की सजा दी गई है । प्रकरण की प्रारंभिक विवेचना तत्कालिन थाना प्रभारी पुसौर निरीक्षक सलीम तिग्गा एवं एट्रोसिटी प्रकरण होने पर विवेचना श्री विरेन्द्र शर्मा तत्कालिन उप पुलिस अधीक्षक अजाक रायगढ़ द्वारा की गई है ।