धरमजयगढ़। विकासखण्ड धरमजयगढ़ में शिक्षा व्यवस्था का बूरा हाल देखने को मिल रहा है और शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। आज हम बत करेंगे धरमजयगढ़ विकास खण्ड के विजयनगर के प्राथमिक शाला की इस स्कूल में 112 छात्र-छात्रा पढ़ाई करते हैं और इनको जर्जर स्कूल भवन में टपकते छत के नीचे अपनी जान को जोखिम में डाल कर पढऩा पड़ रहा है।
स्कूल की इस दुर्दशा पर किसी भी अधिकारी या जनप्र्रतिनिधियों ने कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि स्कूल की जर्जर हालात के बारे में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को जानकारी होने के बाद भी शिक्षा अधिकारी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया उल्टा जब शिक्षक ने स्कूल से पानी टपकने की शिकायत करने पर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी ने विजयनगर के शिक्षक को बताया कि पूरे विकासखण्ड में 101 स्कूल की हालत ऐसे हैं। अब सोचने वाली बात है कि विकासखण्ड में 101 स्कूल जर्जर हालात में है और शिक्षा विभाग हाथ पे हाथ धरे बैंठे हैं। और इनकर क्या? इनके बच्चे तो इन स्कूलों में पढ़ाई नहीं करते हैं अगर कोई दुघर्टना घट भी जाता है तो इनका क्या जायेगा? हम बता दे विजयनगर के पूर्व माध्यमिक शाला का भी बूरा हाल है पूर्व माध्यमिक शाला में 100 बच्चे होने के बाद भी एक भी शिक्षक इस स्कूल में पदस्थ नहीं है। बिना शिक्षक के ही स्कूल संचालित हो रहे हैं। और जब विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी से इस संबंध में चर्चा करने पर बताये कि विजयनगर माध्यमिक शाला में स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ किया गया गया है। लेकिन स्कूल जाने पर एक भी शिक्षक स्कूल में नहीं मिले। इससे ऐसा प्रतित होता है कि शिक्षा विभाग ने कागज में ही दो शिक्षक पदस्थ कर दिये हैं। सबसे मजेदार बात है कि शिक्षा व्यवस्था को लेकर स्थानीय विधायक को कई सारोकार नहीं है। जिसका नतीजा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी से लेकर शिक्षक तक बेलगाम हो गये हैं। जिसका ताजा उदाहरण देखने को मिल रहा है विजयनगर में।
छाता ओड़कर पढ़ रहे बच्चे
विजयनगर प्राथमिक शाला के छत से पानी टपकने के कारण पूरे स्कूली बच्चों को छाता ओड़कर पढ़ाई करना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों को स्कूल में ठीक से बैठने भी नहीं बन रहा है बच्चे पढ़ाई करे या अपना कापी-पुस्तक को संभाले, क्योंकि स्कूल में इतना अधिक पानी टपकता है कि बच्चों को अपनी कापी-पुस्तक का चिंता लगा रहता है।
छत टपकने से स्कूली बच्चे हो रहे बीमार
प्राथमिक शाला विजयनगर के शिक्षकों ने बताया कि स्कूल भवन के छत से पानी टपकने के कारण बच्चों को भारी परेशानी हो रहे हैं क्योंकि पानी बहुत अधिक मात्रा में टपकते हैं और बच्चे अपने बस्ता को संंभालने के चक्कर में पूरी तरह भींंग जाते हैं।
जिसके कारण बच्चे बहुत अधिक बीमार पड़ पड़ते हैं, भींगने के कारण बच्चों को शर्दी, खासी व बुखार हो जाते हैं। बीमर पडऩे के कारण स्कूल नहीं आ पाते हैं। परेशानी सिर्फ बच्चों को ही नहीं है स्कूल में पढऩा वाले शिक्षकों को भी है जिस तरह बच्चों को अपना बस्ता का चिंता रहता है उसी तरह शिक्षकों को अपना सरकारी रिकार्ड का भी चिंता रहता है शिक्षकों का कहना है कि पानी टपकने के कारण स्कूल के रिकार्ड भी खराब हो रहे हैं।