अशोक भगत- लैलूंगा
अपने नए नए पैसा वसूली के तरीकों से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाला लैलूँगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों से अवैध पैसा वसूलने में नित नए कीर्तिमान को प्राप्त कर रहा है।जैसा कि पहले भी अखबारों के माध्यम से कभी ड्रेसर तो कभी नर्स के द्वारा मरीजों से अवैध उगाही की बात सामने आती रही है।इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए लैलूँगा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ लखन पटेल ने अस्पताल से डिस्चार्ज करने के नाम पर मरीज के परिजनों से 1000 रुपए की मांग की जिसपर डॉ लखन पटेल और परिजनों के बीच जमकर तू तू मैं मैं भी हुई।जिसकी खबर लगने पर लैलूँगा विधायक के प्रतिनिधि के रूप में विनय जायसवाल भी पत्रकारों के साथ अस्पताल पहुंचे और एवं डॉ लखन पटेल को जमकर खरी खोटी सुनाई,और मरीज को अस्पताल से छुट्टी दिलाया। यहां यह बताना भी जरूरी है कि उक्त मरीज का इलाज करने के लिये स्वयं क्षेत्र के विधायक चक्करधर सिंह सिदार ने BMO लैलूँगा को फोन कर कहा था जिसके बाद भी उक्त मरीज से अवैध पैसे की मांग किया जाना यह दर्शाता है कि यहां के डॉक्टर्स जनप्रतिनिधियों के कितना सम्मान करते हैं, या यूं कहें कि उनकी बातों पर कितना अमल करते हैं।
ओ पी डी में नही मिलते डॉक्टर
कहने को तो लैलूंगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरकारी है,परन्तु यहां पदस्थ BMO एवं अन्य डॉक्टर्स ने अपने अपने सरकारी निवास को ही अपना प्रायवेट क्लिनिक बना रखा है और वही से मरीजों का इलाज करते हैं,वहां से उठे तो फिर अस्पताल के सामने ही एक विशेष मेडिकल स्टोर में बैठकर अपनी दुकानदारी चलते हैं,और मरीजो से मनमाना पैसा वसूली को अंजाम देते हैं।जहां इन डॉक्टर्स की फीस भी निर्धारित है।BMO 300 रु एवं अन्य डॉक्टर्स 200 रु और मेडिकल स्टोर से आने वाला कमीशन अलग। कुलमिलाकर यह कहा जाना उचित होगा कि लैलूँगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भ्र्ष्टाचार की गर्त में डूब चुका है और यहां मरीजो की जेब देखकर इलाज किया जाता है। इस संबन्ध में जब लैलूँगा विधानसभा के आई टी सेल कांग्रेस के अध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर से बात किया गया तो उन्होंने इसे एक गम्भीर समस्या बताया और जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के संज्ञान में लाकर उचित कार्यवाही कराने की बात कही।