जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड धरमजयगढ़ घूसपैठियों के लिए स्वर्ग साबित हो रहा है, यहां कोई भी कहीं से भी आकार आराम से रह सकते हैं यहां किसी भी प्रकार की जांच या पूछताछ नहीं होता है। जिसका नतीजा है कि हर माह बंग्लादेशी घूसपैठी भारी संख्या में घूसपैठ कर रहे हैं, इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को देने पर भी स्थानीय प्रशासन हाथ पे हाथ धरे बैंठे रहते हैं? सरकार का सख्त फरमान के बाद भी धरमजयगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी इन घूसपैठियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जो आने वाले समय में ये घूसपैठियों स्थानियों के लिए सरदर्द साबित होग?
क्या मजबूरी है स्थानीय प्रशासन के पास जो नहीं करते कार्यवाही?
शासन का नियम है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति अगर आकर रहते हैं तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस थाना में पूरा नाम पता के साथ दर्ज करवाना होता है, लेकिन धरमजयगढ़ एक ऐसा विकास खण्ड है यहां किसी को भी किसी प्रकार की सूचना दर्ज नहीं करवाना होता है, यहां आओ और बस जाओ किसी को कई चिंता की जरूरत ही नहीं है। जिसका नतीजा है कि बाहरी लोग बड़ी-बड़ी घटना को अंजाम देकर भाग जाते हैं, और घटना पुलिस के लिए सरदर्द बन जाता है?
क्यों बाहर नहीं किया जा रहा बंग्लादेशी घूसपैठियों को?
सरकार ने घूसपैठियों पर कार्यवाही करने के लिए सख्त निर्देष दिया है कि अवैध रूप से घूस पैठ कर रहे लोगों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए उन्हें बाहर किये जाने के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही भी किया जाये। रायगढ़ जिले में भी एक बंग्लादेशी घूसपैठी परिवार पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने जेल दाखिल करवा दिया है। लेकिन धरमजयगढ़ में सैकड़ों की संख्या में बंग्लादेशी अवैध तरीके से घूसपैठ कर निवास कर रहे हैं इनपर स्थानीय प्रशासन कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं कर रहे हैं? जिसका नतीजा है कि धरमजयगढ़ में बंग्लादेशी घूसपैठियों की संख्या में हर माह वृद्धि हो रहा है।