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पुलिस कस्टडी से आरोपी फरार…सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहा गंभीर सवाल… जनता की सुरक्षा व अपराध पर कैसे लगाऐंगे अंकुश, एक गम्भीर चिंता का विषय … एक सहायक उप निरीक्षक चार प्रधान आरक्षक व चार आरक्षकों का तबादला व थाना प्रभारी निलम्बित

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जोहार छत्तीसगढ़ -बेमेतरा।

बेमेतरा जिले में दो अलग-अलग आपराधिक घटनाओं ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहली घटना खम्हरिया थाना क्षेत्र की है, जहां एक गंभीर अपराध में गिरफ्तार आरोपी पुलिस हिरासत से फरार हो गया। दूसरी घटना नवागढ़ थाना के संबलपुर चौकी अंतर्गत ग्राम सोनपुरी की है, जहां एक नाबालिग बालिका की हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर नया खुलासा सामने आया है।

थान- खम्हरिया थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत से फरार हुए आरोपी की पहचान देवेंद्र यादव (32 वर्ष, निवासी देवरी, थाना चंदनू) के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर लापरवाही की पुष्टि के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने तत्काल कार्रवाई करते हुए खम्हरिया थाना प्रभारी चंद्र देव वर्मा सहित पाँच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें सहायक उप निरीक्षक भानु प्रताप पटेल, प्रधान आरक्षक कामता प्रसाद साहू, आरक्षक कुसुम लाल कोसले एवं गौकरण मंडावी शामिल हैं। सभी को रक्षित केंद्र बेमेतरा में आगामी आदेश तक संबद्ध किया गया है।

एसएसपी रामकृष्ण साहू ने स्पष्ट कहा है कि पुलिस हिरासत में किसी भी आरोपी की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी स्तर की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। फरार आरोपी देवेंद्र यादव के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 262 के तहत पृथक मामला दर्ज कर लिया गया है तथा उसकी गिरफ्तारी के प्रयास लगातार जारी हैं। आरोपी की सूचना देने पर 5,000 का नकद इनाम घोषित किया गया है, और सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।

दूसरी ओर, ग्राम सोनपुरी में नाबालिग बालिका की हत्या के मामले में फरार चल रहे आरोपी सोहन राजपूत को लेकर एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने सोहन राजपूत को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन वह भी पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया। हालांकि इस संबंध में पुलिस की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उसकी गिरफ्तारी पर 30,000 का इनाम घोषित किया गया है। इस मामले में भी सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

इन दोनों मामलों ने जिले में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि इन घटनाओं में शामिल किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा, और कार्रवाई पूरी पारदर्शिता और कठोरता से की जाएगी। पुलिस प्रशासन अब आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चला रहा है ताकि आमजन में विश्वास बहाल हो सके।

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