जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
शासकीय शराब दुकान में नियम की धज्जियां उड़ते हुए शराब की बिक्री की जा रही है, शासन के नियम को दर किनार करते हुए शराब दुकानदार कोचियाओं को जितना चाहो उतना शराब उपलब्ध करा रहे हैं जिसके चलते क्षेत्र में शराब आराम से मिल जा रहे हैं। शासन का नियम है कि एक बार में एक ग्राहक को एक बोटल या फिर 4 पॉव शराब देना है, यहा नियम सिर्फ शराब प्रेमियों के लिए है जो ईमानदारी से शराब खरीद का पीते हैं। यहा नियम उनके लिए नहीं है जो शराब की तस्करी करता है, सरकारी दुकान से शराब ले जाकर अधिक दर पर बेचने वालों के लिए यहा नियम लागू नहीं है, शराब दुकानदार इनके लिए अपना एक नियम बना लिया है कि 40 रूपए बोटल में और पॉव में 10 रूपये अधिक देकर जितना चाहो उतना शराब आप ले जा सकते हो। जिला प्रशासन ने 18 फरवरी तीन बजे से 20 फरवरी 2025 तक शराब की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन इसके बाद भी आपको धरमजयगढ़ में आसानी से शराब मिल जाएगा आप जितना चाहे। जिला प्रशासन द्वारा घोषणा करते ही दुकानदार द्वारा अवैध तरीके से शराब बेचने वालों को दुकान बंद होने से पहले ही शराब उपलब्ध करा दिया जाता है।
शराब बंदी को लेकर बार-बार ग्रामीण महिला लगाते हैं गुहार
धरमजयगढ़ विकासखण्ड में ऐसे कई गांव, ग्राम पंचायत मिल जायेंगे जहां पूर्णत: शराब बनाना, बेचना बंद है, हम आपको बता दे कि आमापाली गांव में शराब बेचना व बनाना पूरी तरह बंद है। यहां अगर कोई शराब पीते या पिकर गांव में घूमते पाये जाने पर 5 हजार का जुर्मना लगाया जाता है। तो वहीं ग्राम पंचायत नवागांव में भी शराब की सेवन करना, पीकर हुडदंग करते पाये जाने पर 25 हजार का जुर्मना रखा गया है ग्रामीण महिलाओं द्वारा उठाये गये यहा कदम से गांव में अवैध तरीके से शराब बनाना बंद तो हो गया है। लेकिन शराब दुकानदार की मनमानी के कारण पूरी तरह शराब पर पाबंदी नहीं लग पा रहा है क्योंकि गांव-गांव में अंग्रेजी शराब उपलब्ध हो रहा है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र की आदिवासी महिला प्रशासन से गुहार लगाते दिखते हैं कि साहब हमारे गांव का शराब बिक्री बंद करवा दो बच्चे बिगड़ रहे हैं। इसपर धरमजयगढ़ पुलिस गांव-गांव जाकर शराब बेचने, बनाने वालों पर कड़ी कार्यवाही भी करते हैं लेकिन इसके बाद भी गांव में शरब की बिक्री बंद नहीं हो रहा है। प्रशासन को चाहिए कि सरकारी शराब दुकान से अवैध तरीके से कोचियाओं को अधिक कमीशन लेकर शराब बेचने वालों की जांचकर कड़ी कार्यवाही करें ताकि ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-छोटे बच्चे शराब की लत से छुटकारा पा सके।