जोहार छत्तीसगढ़-जांजगीर-चाम्पा।
जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां पुलिस आरक्षक शंकर सिंह राजपूत और माखन साहू पर आरोप लगा है कि वे अवैध शराब कारोबार में शामिल हैं और अनिल खूंटे को अवैध शराब का कारोबार करने के लिए प्रेरित और प्रलोभन देने के लिए रोजाना धमकी भी देते थे। आम व्यक्ति को अवैध कारोबार में सम्मिलित करने के लिए चाम्पा थाना के आरक्षक का सबसे बड़ा मायाजाल है सूत्रों से पता चला है कि चांपा थाना में कुछ ऐसे आरक्षक है कि जिसकी जड़े अंगद की पांव के तरह जमा हुआ है जिसका ट्रांसफर करने के लिए जिले के महानायक को भी सोचना पड़ता है इन आरक्षकों से चाम्पा के आम जनता को भी डरा धमका कर अवैध कारोबार में सम्मिलित का कई आरोप लगा चुके हैं जिससे चाम्पा की जनता परेशान हैं।
मामले की जानकारी
अनिल खुटे, एक स्थानीय निवासी, ने आरोप लगाया है कि आरक्षक शंकर सिंह राजपूत ने उन्हें अवैध शराब संचालन की सलाह दी और कमीशन के रूप में पैसे लिए. अनिल खुटे ने बताया कि उन्होंने आरक्षक के कहने पर फोन-पे पर 3000 दिए और फरवरी से अगस्त तक 70,000 नगद दिए. जिनकी कॉल रिकॉर्डिंग अनिल खूंटे के मोबाइल में मौजूद है वहीं शंकर राजपूत माखन साहू के द्वारा अनिल खूंटे को जान से करने के धमकी भी दी गई है ,और प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष किसी भी घटनाओं में कानूनी दावपेज में फंसाने की साजिश भी कर सकते हैं यदि कानून के रखवाले यदि भक्षक बन जाए तो आम जनता की फरियाद किसके पास जाएगी यह जनता के मन में कई सारे सवाल उत्पन्न हो रहे हैं।
धमकी से परेशान
आरक्षक शंकर सिंह राजपूत ने अनिल खुटे को धमकी दी कि यदि वह शराब नहीं बेचेगा, तो उसके परिवार को 10 साल के लिए जेल में भेज देंगे। क्योंकि मेरी पकड़ चाम्पा के टीआई से अच्छी पकड़ है और पुलिस प्रशासन एक पुलिस वाला की साथ देगा,अनिल खुटे ने बताया कि उनका पूरा परिवार इस मामले से डरा और सहमा हुआ है. क्योंकि पुलिस के पास कानूनी दावपेज के अलावा अन्य किसी भी प्रकरण में फंसाने की कभी भी साजिश कर सकते हैं।।
पुलिस अधीक्षक से अपील
अनिल खुटे ने पुलिस अधीक्षक से अपील की है कि आरक्षक शंकर सिंह राजपूत और माखन साहू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार इस मामले से डरा और सहमा हुआ है।
पुलिस प्रशासन के लिए सवाल
यह मामला चाम्पा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है और आम जनता के विश्वास को तोड़ता है। पुलिस अधीक्षक से अपील है कि वे इस मामले की जांच करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें, ताकि पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल जनता के मन में विश्वास पैदा कर सके।
पहले भी चांपा थाना में शराब से संबंधित झूठे केस के आरोप लग चुकें हैं
यदि कोई व्यक्ति अवैध शराब के प्रकरण में फंस जाता है। और पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया जाता है, तो न्यायालय से न्याय मिलने के बाद पुलिस के गुप्त चारों के द्वारा या फिर पुलिस के आरक्षक के द्वारा उसे व्यक्ति के पास जाकर अवैध शराब बेचने के लिए दबाव बनाया जाता है और कहते हैं जब तक तू हमें पैसा देता रहेगा तब तक तू-सुरक्षित रहेगा जिस दिन पैसा देना बंद हो गया उसी दिन तुझे उठाकर जेल में भेज देंगे।