जोहार छत्तीसगढ़-घरघोड़ा।
5 सितंबर को सर्वपल्ली डॉ.राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसी परिप्रेक्ष्य में ए.आई.आई.टी. कॉलेज घरघोड़ा के हृदय स्थल हुकमी कॉलोनी में स्थित कंप्युटर प्रशिक्षण प्रदान करने वाली तकनीकी महाविद्यालय में छात्रों शिक्षकों एवं प्रबंधन समित द्वारा समस्त आए हुए नगर के वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं पेंशनधारी शासकीय कर्मचारियों का सम्मान कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया, इस कणी में सर्व प्रथम समस्त अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया, सरस्वती वंदना व स्वागत गीत के पश्चात समस्त अतिथियों को पुष्पगुच्छ, साल श्रीफल भेंट कर तिलक व आरती किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का उद्बोधन हुआ सभी वरिष्ठ गुरुओं ने अपने उद्बोधन में संस्थान के विद्यार्थियों को अपना अनुभव बताते हुए सफलता प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्रदान किए। ए.आई.आई.टी. कॉलेज घरघोड़ा को सामाजिक उत्थान, राष्ट्र निर्माण, व्यक्ती निर्माण, युवाओं के बेहतर भविष्य निर्माता कह कर प्रशंसा का पुल बाध दिए। क्योंकि उन सभी के अनुभवों से से उन्होंने बताया की इस संस्थान में उनके विद्यालय के जहां वे सेवानिवृत्त से पूर्व पढ़ाई कराए थे उनके बच्चे ए.आई.आई.टी. कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में शासकीय सेवाओं में नौकरी प्राप्त करने के साथ-साथ राष्ट्र भक्त व संस्कारवान बनकर समाज में सेवा दे रहे हैं। उद्बोधन के पश्चात स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया फिर संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. राधेश्याम यादव ने प्रथम सत्र की समापन की घोषणा किए। मुख्य रूप से इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में बसंत रात्रे,सच्चिदानंद पटनायक, डी. पी. चौधरी, शिव प्रसाद तिवारी, बी.पी. तिवारी,गणपत लाल डनसेना, गंगाराम पटनायक,एल. डी. पटेल, एल. पी. चौहान, चंद्रपाल नायक, जगदीश गुप्ता,अंबिका पंडा,धनी राम डनसेना,गजानंद पटेल, विद्याधर सिंह, मोहन लाल नायक, राजेन्द्र गुप्ता,एवं ए.आई.आई.टी.कॉलेज घरघोड़ा एवं तमनार के समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे.
हम आपको बताना चाहते हैं कि यहां यह संस्था 2007 से संचालित है, यहां के प्राध्यापक पीएचडी, एएबीए, एमएससी, जैसे बड़े-बड़े डिग्री के साथ-साथ 15 -15 वर्ष का अनुभवी शिक्षक है, इस संस्थान में जो छात्र पढ़े हैं वे आज केवल राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में शासकीय व बड़ी बड़ी कंपनी में विभिन्न पदों में कार्यरत हैं। यहां का रिकॉर्ड है कि प्रतिवर्ष 90 प्रतिशत से भी ज्यादा सफल विद्यार्थी निकलते हैं और बहुत ही जल्द शासकीय सेवाओं में नियुक्त हो जाते हैं, इसका कारण यह है कि यह संस्था छात्रों को कंप्युटर शिक्षा के साथ-साथ, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, कम्युनिकेशन स्किल ,राष्ट्रवाद, संस्कार, अनुशासन आदि की शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं, गरीब छात्रों के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं, जो छात्र एक बार इस संस्था में प्रवेश ले लेते हैं वे एआईआईटी परिवार का स्थायी सदस्य बन जाता है. फिर जब तक उनकी कोई भी जॉब नहीं लगता तब तक नि:शुल्क पढ़ाई कर सकता है और अपने पूरे जीवन में कभी भी बार-बार अपना नि:शुल्क शिक्षा ले सकते हैं। इस संस्था में आज भी गुरु शिष्य परंपरा के अनुसार सद्भावना और संस्कार बना हुआ है जो कि समाज और राष्ट्र के उत्थान में विशेष योगदान दे रहे हैं। इस संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. राधेश्याम यादव,भौतिक चिकित्सा विज्ञान में स्नातक हैं, योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सक में मास्टर्स एवं ई.एच. मेडिसिन में मास्टर्स होने के साथ ही कंप्युटर विज्ञान में मास्टर डिग्री , प्रबंधन में एमबीए एवं पीएचडी है जो अपने ज्ञान व अनुभव से इस अंचल के छात्र-छात्राओं को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान कर उज्जवल भविष्य निर्माण कर रहे हैं। यहां कुल 11 स्टाफ के समूह में 7 ऐसे प्राध्यापक हैं जो विभिन्न विषयों में मास्टर डिग्री होने के साथ-साथ अनुभवी हैं।