जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ में पिछले कई सालों से फर्जी तरीके से शिक्षा का व्यपार चलते आ रहा जिस पर शासन-प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रहा है? यहां दूर दराज से पढ़ाई करने आ रहे भोले-भाले बच्चों को बेवकूफ बनाकर डिग्री-डिप्लोमा देने के नाम पर ठगा जा रहा है। यह कारनामा इतने बड़े पैमाने पर चल रहा की ये सभी संस्था धड़ल्ले से अपने पम्पलेट पर इसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। ऐसे ही संस्था उदयपुर टेक्निकल इंस्टिट्यूट और संकल्प कंप्यूटर एजुकेशन के नाम से धरमजयगढ़ में संचालित हो रहे हैं जो बीएससी, एमएससी जैसे कोर्स भी अपने संस्था में करवाने का ऑफर दे रहे हैं, क्या यह संभव है? विश्व विद्यालय के नियमानुसार बीएससी,एमएससी कोर्स प्रायवेट में नहीं होता है यह कोर्स नियमित छात्रों के लिए होते हैं। लेकिन धरमजयगढ़ में संचालित कई ऐसे संस्थाएं हैं जो नियमित कोर्स को भी प्रायवेट में कराया जा रहा है। इनके प्रसार-प्रचार के चक्कर में आकर लोग अपनी जिंदगी बर्राबाद कर रहे हैं? ऐसे कोर्स को देख छात्र इन संस्थाओं में प्रवेश तो ले लेते हैं जिसके बाद छात्रों के दलदल में फंसने का खेल शुरू हो जाता है? परीक्षा देने के बाद रिजल्ट के लिए उनको खूब घूमाया जाता है। इस संबंध में धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल से सवाल करने पर उन्होंने बताया गया था कि ऐसे जो संस्था जो शासन के नियम विरूद्ध संचालित किए जा रहे हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। लेकिन धरमजयगढ़ क्षेत्र में संचालित हो रहे बिना मन्याता के संस्थाओं पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसले बुलंद होता जा रहा है और क्षेत्र के आदिवासियों को उच्च शिक्षा के नाम पर ठगने का काम जोर-ेशोर से कर रहे हैं? प्रशासन को ऐसे संस्थाओं की जांच कर दोषी पाये जाने पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करना चाहिए ताकी आदिवासी बहुल्य क्षेत्र के गरीब आदिवासियों के साथ उच्च शिक्षा के नाम पर खिलवाड़ ना कर सकें?