जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ में बेजा कब्जा का मामला आम हो गया है जिधर देखो उधर बेजा कब्जा का भरमार है, और कुछ अधिकारी-कर्मचारी बेजा कब्जाधारियों के साथ मिलकर नगर को बेजा कब्जा का गढ़ बना दिया? सुनने में तो थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन हकीकत ऐसा ही है। नगर में तो इन दिनों तालाब को भी पाटने का काम चल रहा है जबकि तालाब पाटन कानून अपराध है पर धरमजयगढ़ में ऐसा करना आम है। ऐसा करने वालों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होता है, उल्टा हकीकत बताने वाले पत्रकारों पर एफआईआर करने तक स्थानीय कर्मचारी पहुंच जाते हैं थाने। आज हम बात करने जा रहे हैं जनप्रतिनिधियों की जो लोगों ने अपना प्रतिनिधि तो चुनते हैं क्षेत्र के विकास के लिए, लेकिन जनप्रतिनिधि बनते ही क्षेत्र का विकास तो कम अपना विकास अधिक करने लग जाते हैं। नगरीय क्षेत्र में जनप्रतिनिधि बनते ही बेजा कब्जा करना शुरू कर देते हैं, ऐसा ही एक मामले में एसडीएम डीगेश पटेल ने वार्ड क्रमांक एक के पाषर्द रविन्द्र राय को नोटिस देते हुए 12 जुलाई 2024 को उपस्थित होकर नोटिस का स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है नहीं तो भूमि पर किए गये नाली खोदाई को स्वयं के व्यय पर यथा स्थिति लाने की कार्यवाही किया जायेगा। काजल बर्मन पति प्रशांत बर्मन निवासी धरमजयगढ़ कॉलोनी द्वारा एसडीएम धरमजयगढ़ के पास आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि वार्ड क्रमांक एक के पार्षद रविन्द्र राय द्वारा धरमजयगढ़ में स्थिति भूमि खसरा नंबर 290 में अवैध रूप से कब्जा करते हुए नाली का खुदाई किया गया है। प्रार्थी की आवेदन पर कार्यवाही करते हुए एसडीएम धमरजगयगढ़ डिगेश पटेल ने पार्षद रविन्द्र राय को नोटिस थमाया है। मजेदार बात है कि एक जनप्रतिनिधि द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए किसी दूसरे के जमीन पर बेजा कब्जा कर लेना कहां तक सही है। ऐसा जनप्रतिनिधि पर जांच कर कड़ी कार्यवाही करते हुए पद से मुक्त कर देना चाहिए, लेकिन ऐसा होना असंभव है क्योंकि धरमजयगढ़ में एक से एक बेजाकब्जाधारी कब्जा कर बैंठे हैं? अब देखना है कि पार्षद रविन्द्र राय द्वारा किया जा रहा बेजा कब्जा पर स्थानीय प्रशासन क्या कार्यवाही करते हैं?
* मैं वार्ड क्रमांक एक का पार्षद हूं और मामला वार्ड क्रमांक 3 का है अधिकारी बिना स्थल निरीक्षण किये नोटिस जारी किया है। अधिकारियों को नोटिस जारी करने से पहले स्थल निरीक्षण करना चाहिए।
रविन्द्र राय पार्षद वार्ड क्रमांक 1