जोहार छत्तीसगढ़ बेमेतरा।
बेमेतरा जिले के नगर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्र के कई ग्रामों के आसपास अवैध रूप से ईंट बनाने का काम को बेखौफ किया जा रहा है। इसकी जानकारी राजस्व, वन विभाग सहित खनिज विभाग के अधिकारियों को है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते संचालकों के हौसले बुलंद है और जगह-जगह अवैध ईट भट्टा का संचालन किया जा रहा है। जिले के नगर पंचायत सहित बेमेतरा ,नवागढ़ साजा, बेरला के हर क्षेत्र में लगभग 15-20 से अधिक ईंट भ_े अवैध रूप से संचालित है। यहां पर किसी भी इंट पड़े के लिए रायपुर, बेमेतरा पर्यावरण संरक्षण समिति से सहमति पत्र नहीं ली गई है। इसके बाद भी ईंट भट्टे जगह-जगह दहक रहे हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि ईंट भट्टा पर्यावरण संरक्षण समिति के मापदंड पर खरा नहीं उतरते। इसके कारण ही किसी को भी ईंट भट्टा संचालन के लिए अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में जितने भी ईंट भ_े संचालित है वे सभी अवैध है। नगर पंचायत क्षेत्र में अवैध कारोबार को करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष लोगों के बीच होड़ मची हुई है। अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अवैध कार्य करने में लिप्त हैं। अवैध ईंट भ_ा का संचालन नवागढ़, बेरला साजा, बेमेतरा, क्षेत्र में बड़ी तादाद में किया जा रहा है।
अब तक कार्रवाई नहीं
इसके बाद भी अवैध रूप से संचालित ईंट भट्टे पर कार्रवाई तक नहीं की जाती है। इससे साफ है ऐसे ईंट भट्_ों के संचालन पर प्रशासन की मौन सहमति है। यहीं कारण है कि बेखौफ होकर संचालक ईंट का निर्माण करा रहे हैं और उसे पकाने के लिए पर्यावरण को नुकसान भी पहुंच रहे हैं। यहां तक पेड़ को काट कर अवैध ईट भट्टा संचालन किया जा रहा है। इसके बाद भी वन विभाग के जिम्मेदारों के आंखों पर पट्टी बांध बैठे हुए हैं। विभाग ने अब तक एक भी कार्रवाई नहीं की है।
पर्यावरण के साथ राजस्व का नुकसान
अवैध ईंट भट्ट्टों से पर्यावरण को तो नुकसान पहुंच ही रहा है। साथ ही शासन को भी राजस्व की हानि पहुंच रही है। इस और विभाग को पूरी जिम्मेदारी के साथ पहल करने की जरुरत है।