गोविन्द शर्मा
जोहार छत्तीसगढ़-बिलासपुर।
हमने बढ़ते शहर में विकास को चाहा था लेकिन हमें क्या पता था शहर बढ़ता हैं तो अपराध भी बढ़ता था हम वैसे ही छोटे शहर के अब कहलाना चाहते हैं कम से कम अपराध से परिवार के लोग बचें तो रहेंगे हमारे बच्चें बढ़े हो रहे न जाने कब किस युवा जो नशे में धुत की नजर चंद पैसे के लिए उस पर पढ़ जाये जिससे वो और नशा कर सके और वो अपराध को जन्म दे पैसा न दिए जाने पर बेसुध युवा नशे में किसी भी अपराध को अंजाम दें सकता हैं एक परिवार का बच्चा घायल हो जाये ज्यादा चोट लगे तो मर भी जाये लेकिन उस नशे धुत युवा को इससे कोई मतलब नहीं। जी हा ये कहानी आपको अपने आसपास होती दिखाई दें रही होंगी हमर शहर बिलासपुर में जैसे जैसे शहर बढ़ रहा वैसे अपराध भी अपना पैर पसार रहा हैं और बहुत तेजी से इसका सबसे बड़ा शिकार युवा हो रहे हैं बढ़ते शहर में नशा का बढ़ा कारोबार भी हो रहा होगा तभी शहर में युवा नशे की हालत में किसी के भी घर में घुस कर अपराध को अंजाम दें रहे उन्हें पुलिसिंग का कोई डर नहीं आखिर ये युवा अपराधी को पुलिस का डर क्यो नहीं हैं कही न कही पुलिस इसमें दोषी हैं आखिर पुलिस ये सब क्यो नहीं रोक पा रही हैं या पुलिस को भी इस व्यापार में फ ायदा मिल रहा हैं।
बढ़ते शहर में जहां रोजगार के लिए लोग आ रहे वही अपराधी भी
बिलासपुर प्रदेश का दूसरा सबसे तेजी से बढ़ता शहर हैं जहां लोकल के अलावा बाहर से आये लोगो निवास कर रहे रोज इस शहर में लोग आ रहे कि ये शहर बड़ा शांत शहर हैं जहां आप परिवार के साथ सैफ महसूस कर सकते हो लेकिन इनके साथ साथ अपराधी भी इस शहर शांत शहर में अपनी उपस्थिति भी लगातार दिखाते आ रहे हैं। जिन्हें रोकने कि पूरी जिम्मेदारी पुलिस की लेकिन जब पुलिस ही आपस में पैसो या एरिया के विवाद में बीच सड़क में लडऩे लगे जनता के बीच चर्चा के अनुसार इसकी पुष्टि हम नहीं करते अपने एस पी का डर भय न हो उस शहर में अपराध रुकेगा तो कैसे।
आखिर एसपी बिलासपुर ने उन सिपाहियों को सस्पेंड क्यों नहीं किया
बिलासपुर में बीच सड़क में सिपाहियों का आपस लडऩा मारपीट किस लिए ये शहर की आम जनता से लेकर वरिष्ठ अधिकारियो तक को पता हैं लेकिन उसके बावजूद एस पी ने उन्हें सस्पेंड करने की बजाय लाइन अटैच किया क्यों जबकि बिलासपुर शहर में इसके पहले इस प्रकार की बीच सड़क में मारपीट सिपाहियों की नहीं हुई लेकिन एस पी ने इसे कितना गंभीरता से लिया बिलासपुर की जनता देख रही और इस पर अब चर्चा भी हो रही हैं।
पूर्व पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह का निजात अभियान
बिलासपुर के पूर्व पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने निजात अभियान बिलासपुर में चलाया था जो काफी जागरूकता के साथ चलाया गया था उसका असर दिख भी रहा था लेकिन उनके जाते ही यह अभियान अब कही दिखाई नहीं देता जबकि इस अभियान को चलाने से बहुत कुछ नशे करने वाले युवा को मुक्त कराया जा सकता हैं और नशा के कारोबार में अंकुश भी लगाया जा सकता हैं।