जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
जनजातीय समाज ने सदैव विदेशी साजिशों और आक्रांताओं से भारतीय संस्कृति की रक्षा की है, वे मां भारती के असली योद्धा रहे हैं। इसीलिए उन्हें कमजोर करने के लिए सात समंदर पार से षड्यंत्रकारी ताकतों ने उन्हें धर्मांतरित करने की साजिश रची। उनकी घरवापसी राष्ट्र को मजबूत करने की एक अनुपम पहल है। अपने संबोधन में अखिल भारतीय घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने उक्त बातें कहीं और कोरवा समाज 56 परिवारों के लगभग 200 लोगों का पैर पखारकर कर सनातन धर्म में घर वापसी करवाई। अपने पिताजी कुमार दिलीप सिंह जूदेव के घर वापसी अभियान को निरंतरता देते हुए 17 मार्च 24 को ग्राम पंचायत कुमरता विकास खंड धरमजयगढ़ के आश्रित ग्राम बरघाट में पहाड़ी कोरवा जनजाति के 56 परिवार के लगभग 200 लोगों के पैर धोकर मंत्रोचार के साथ हवन करवाकर हिंदू कुल तिलक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने घर वापसी करवाई। इस कार्यक्रम में धरमजयगढ़, सरगुजा, जशपुर सहित आस पास के ग्रामवासी भी उपस्थित रहे, प्रमुख रूप से शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, विनय पांडे, सतीस सिंह, कपिल शास्त्री, जगजीत दास महंत, कमलेश राठिया, श्याम बिहारी शर्मा, तिलक राम सिदार और अनेक हिंदू कार्यकर्ता शामिल रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा अब धर्मांतरण बर्दास्त नहीं उक्त कर्म में जो भी लिप्त पाया जाएगा उसे सजा भुगतने को तैयार रहना चाहिए। उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। धर्मांतरण को देश के लिए खतरा बताते हुए उन्होंने बताया अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगामी पीढिय़ां हमें माफ नहीं करेंगी। उन्होंने कहा देश की आजादी के बाद जितने भी लोग धर्मांतरित हुए हैं उनकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।