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राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर, एक माह में एसडीएम कार्यालय से तहसीलदार कार्यालय नहीं पहुंचा जांच पत्र

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जोहार छत्तीसगढ़-खरसिया।

राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी की बात किसी से छुपी नहीं है, किसी काम के लिये रिश्वत लेने के बाद ही आवेदन पर नजरें इनायत की जाती है वरना बिना रिश्वत के आवेदनों में तो बस तारीख पे तारीख बढ़ती रहती है। और जिस प्रकरण में चढ़ावे की पहिये लग जाते हैं तो फि र तो वो प्रकरण जम्बो जेट की स्पीड से बढ़ता है और सीधे आदेश की मंजिल पर जाकर रूकता है। और जिन प्रकरणों में चढ़ावा नहीं चढ़ता वो बस तारीखों का इंतजार करते रह जाते हैं। मजे की बात यह है कि भ्रष्ट राजस्व कर्मचारी अधिकारियों को शिकायत की भी परवाह नहीं है, और होगी भी क्यों उन्हे पता है कि जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का खरसिया के राजस्व निरीक्षक तोताराम भारद्वाज के विरूद्व शिकायत के बाद लगभग 1 माह बीत जाने के बाद भी जांच न होना इस आरोप की पुष्टि करता है कि भ्रष्टाचार राजस्व विभाग की नसों में लहू बनकर दौड़ रहा है और नीचे से उपर तक व्याप्त है। विगत वर्ष रायगढ़ जिले में अधिवक्ताओं ने त्रस्त होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का ऐलान किया था और रैली निकाल कर देश में बजेगा डंका भ्रष्टाचार की जलेगी लंका, सरकार एक काम करो भ्रष्टाचार का रेट फि क्स करो जैसे नारे भी लगाये थे। लेकिन जब तक भ्रष्टाचारियों और रिश्वतखोरों को कड़ी सजा नहीं मिलेगी तब तक रिश्वत खोरी और भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा और रिश्वतखोरो के शिकंजे में फं सकर आम आदमी केे समय और धन की बर्बादी होती रहेगी। खरसिया के राजस्व निरीक्षक तोताराम भारद्वाज के द्वारा डायवर्सन मामले में गलत प्रतिवेदन देने और रिश्वत की मांग करने की शिकायत लगभग एक माह पूर्व खरसिया एसडीएम सहित मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर तक की गयी थी किंतु एक माह बाद भी शिकायत पर कार्यवाही तो दूर जांच की लीपापोती भी नहीं हो पायी है, खरसिया एसडीएम कार्यालय के काम की रफ्तार तो इतनी धीमी है कि शिकायत के लगभग एक माह बाद भी जांच किये जाने का पत्र उसी भवन में संचालित दस कदम में स्थित तहसीलदार कार्यालय तक नहीं पहुंच पाया है। तो मुख्यमंत्री और जिला कलेक्टर के द्वारा मामले में संज्ञान लेने के लिये कितने वर्ष बीत जायेंगे यह तो शायद भगवान भी नहीं बता पायेंगे। ऐसे में राजस्व निरीक्षक के मामले में निष्पक्ष जांच होगी भी या फिर मामले को जांच के नाम पर रफ ा-दफ ा कर भ्रष्टाचारी को क्लिीन चिट दे दी जायेगी। ये तो समय ही बतायेगा।

मंत्री ओपी चौधरी खुले मंच से कर चुके है

घोषणा मजे की बात तो यह है कि नवनिर्वाचित रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी द्वारा मंत्री बनने के बाद जिला आगमन पर राजस्व विभाग का नाम लेकर खुले मंच से कहा गया था। कि किसी के साथ एक रूपये का भी भ्रष्टाचार होता है तो वो हमसे संपर्क करें, ओपी चौधरी कलेक्टर रह चुकें हैं शायद उन्हें भी पता कि सर्वाधिक भ्रष्ट विभाग राजस्व विभाग ही है। मंत्री बनने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार रोकने का प्रयास जरूर किया है परंतु शायद प्रदेश के मंत्री की बात भी भ्रष्टाचारियों के कानों तक नहीं पहुंच पाई है। विगत कुछ वर्षों में विकास ने इतनी तो रफ्तार तो पकड़ी है कि पहले रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार कुर्सी के नीचे और छुपकर किया जाता था अब तो रिश्वत लेने वाला खुलेआम छाती ठोक कर कहता है कि जाओ जहां शिकायत करना है कर दो कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

जांच का नहीं मिला पत्र-तहसीलदार

राजस्व निरीक्षक तोताराम भारद्वाज की शिकायत के संबंध में खरसिया एसडीएम रोहित सिंह द्वारा तहसीदार से जांच कराने की बात कही गयी थी। लेकिन इस संबंध में तहसीलदार शिव डनसेना से जानकारी लेने पर उनके द्वारा बताया गया कि एसडीएम साहब द्वारा मौखिक रूप से कहा गया है परंतु जांच के संबंध में कोई पत्र मुझे नहीं मिला है।

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