जोहार छत्तीसगढ़-गरियाबंद।
वन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष मूलचंद शर्मा,सतीश मिश्रा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वन कर्मचारी संघ ने कार्यालय के लिए स्वीकृत 180 पदों पर संविदा की भर्ती प्रक्रिया का विरोध किया है,संघ की मांग है कि उक्त संविदा पदों पर भर्ती की कार्रवाई निरंतर रूप से की जाती है,तो वन विभाग के संपूर्ण अमले व संसाधन को संघ के कार्य से पृथक रखने का राज्य शासन आदेश जारी करे। संविदा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर भर्ती समाप्त कर दी जाए। यदि ये नहीं किया गया तो वन कर्मचारी संघ द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित कार्यालय का घेराव करते हुए उग्र आंदोलन के लिये बाध्य हो जायेंगे। जिसे वर्तमान राज्य सरकार की छबि धुमली होगी। यदि वनकर्मी आंदोलन पर चले जाते हैं तो इसकी संपूर्ण जवाब देही शासन एवं प्रशासन की होगी।
540 वन कर्मचारियों की पदोन्नति होगी प्रभावित
उन्होंने मुख्यमंत्री,छत्तीसगढ़ शासन,मुख्य सचिव,प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन,वन विभाग,सचिव छत्तीसगढ़ शासन,सामान्य प्रशासन विभाग तथा सचिव छत्तीसगढ़ शासन, वित्तीय विभाग के नाम लिखे ज्ञापन में राज्य लघु वनोपज सरकारी संघ मर्यादित द्वारा 180 पदों पर संविदा कर्मचारियों की प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराते हुए संघ कार्य के लिए स्वीकृत 180 पदों पर संविदा नियुक्ति से भरे जाने की प्रक्रिया प्रचलन में हो बताया है। चूंकि पूर्व में वन विभाग में वनपाल से उपवन क्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नति कर्मचारियों को प्रति नियुक्ति पर लघु वनोपज संघ में भेजा जाता है। संघ में 1 वर्ष प्रति नियुक्ति पर सेवा अवधि पूर्ण करने उपरांत मूल विभाग रिक्त पदों पर वरीयता अनुसार वापसी किया जाता है। जारी विज्ञापन अनुसार संविदा भर्ती किये जाने से वरिष्ठ 540 वन कर्मचारी की पदोन्नति प्रभावित होगी। डोमार कश्यप जिलाध्यक्ष,दिनेश चंद्र पात्र जिला सचिव से जब मीडिया कर्मी चर्चा किए तो उन्होंने कहा कि संविदा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर तत्काल समाप्त किया जाए। लेकिन कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में वन कर्मचारी संघ द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित कार्यालय का घेराव करते हुए उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा।