जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकास खण्ड में भ्रष्टाचार चरम पर है, कर्मचारी अपने ही अधिकारी के आदेश को नहीं मान रहे हैं। आरआई-पटवारी शासन के नियम की धज्जियां उड़ रही है, और उनके ही उच्च अधिकारी तमशा देख रहे हैं। सरकार बदलते ही पूरे प्रदेश में बेजा कब्जाधारियों पर बुलडोजर चल रहा है लेकिन धरमजयगढ़ में इसका उल्टा होते दिखाई दे रहे हैं। धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय में ऐसे कई मामले आपको देखने को मिल जायेंगे कि बेजा कब्जा करने वालों पर तहसील न्यायालय से बेदखली का आदेश तो दे दिया जाता है लेकिन आरआई और पटवारी उनके उपर बेदखली की कार्यवाही नहीं करते हैं इससे तो ऐसा लगता है कि धरमजयगढ़ तहसील में तहसीदार का नहीं आरआई -पटवारी का ही राज चलता है। हम आपको बता दे तहसीदार धरमजयगढ़ ने 11 सितंबर को एक आदेश जारी कर आरआई फुलकुमारी कुजूर एवं पटवारी बालमुंकुद सारथी हल्का 56 को आदेशित किया था कि शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाया जाये लेकिन आज दिनांक तक आरआई पटवारी ने अवैध कब्जा नहीं हटाया है। पूरा मामला है चिकटवानी वार्ड नम्बर 15 का जहां बेजा कब्जाधारी नरसिंह यादव द्वारा शासकीय भूमि में अवैध कब्जा किया गया है जिसको हटाने का आदेश तहसीदार द्वारा 11 सिंतबर 2023 को दिया गया था तहसीलदार ने अपने बेदखली आदेश में लेख किया है कि अनावेदक अपना सामान 20 सिंतबर 2023 तक खाली करें नहीं तो आरआई-पटवारी 25 सिंतबर 2023 को बलपूर्वक कब्जा खालीकर बेदखल किया जायेगा। तहसीलदार द्वारा दिये गये आदेश को कई माह होने के बाद भी आरआई-पटवारी ने बेदखली की कार्यवाही नहीं कर रहे हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि धरमजयगढ़ राजस्व विभाग में कितना बड़ा भ्रष्टाचार चल रहा होगा जहां एक आरआई अपने ही अधिकारी के आदेश को किस कदर कचरे अवहेलना कर रहे हैं।