जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। शासन-प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए लाखों करोड़ों रूपये आबंटन किया जाता है। धरमजयगढ़ विकास खण्ड में भी ग्राम पंचायतों में लाखों करोड़ों रूपए विकास के लिए शासन द्वारा भेजा गया है। कुछ अधिकारी अपने स्वर्थ पूर्ति के लिए सरपंच सचिव से काम न करवा कर ठेका प्रथा से काम करवाया जा रहा है। हम आपको बता दे कि अधिकारी-कर्मचारी सिंह जैसे ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर निर्माण कार्य करने का ठेका दे देते हैं, और अधिकारी-कर्मचारियों के सह पर इनके द्वारा निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार कर लिया जाता है। कांग्रेस शासन में सिंह ठेकेदार द्वारा काराए गये कार्य का अगर जांच किया जाए तो देखने को मिलेगा कि इनके द्वारा निर्माण कार्य में खुलकर गोलमाल किया गया है। मजेदार बात है कि पंचायत के निर्माण कार्य में ठेका प्रथा नहीं होने के बावजूद जनपद पंचायत अधिकारी अपने पद का दुरूपयोग करते हुए पंचायत के कार्य को ठेकेदारों के माध्यम से करवाया जा रहा है। जबकि शासन का निमय है कि पंचायत के सभी कार्य का कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत ही होगा लेकिन ग्राम पंचायत का एक भी रूपये का काम सरपंच-सचिव नहीं करवा पाते हैं इन अधिकारी-कर्मचारियों के गलत नितियों के चलते। ग्राम पंचायत का निर्माण कार्य कारते हैं ठेकेदार और भ्रष्टाचार का दाग लगता है ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव पर, इन भ्रष्ट ठेकेदारों के चलते कई सरपंच भ्रष्टाचार के आरोप में जेल तक चले जाते हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार की छूट्टी हो गई है और छत्तीसगढ़ में विष्णु राज शुरू हो गया है तो क्या ग्राम पंचायत क्षेत्र के निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग पायेगा? ये सबसे बड़ा सवाल है। छत्तीसगढ़ में सत्ता बदल तो गया है तो क्या धरमजयगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र में चल रहे सिंह राज की दुकानदारी बंद होगी? या फिर इसी तरह का ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का खेल चलता ही रहेगा।