जोहार छत्तीसगढ़-रायगढ़।
राजधानी में मौजूद राष्ट्रीय स्तर की लाइब्रेरी नालंदा परिसर की तर्ज पर रायगढ़ में भी लाइब्रेरी का कार्य जल्द ही शुरू हो जायेगा। इस संबध में रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने जिलाधीश कार्तिकेय गोयल से चर्चा भी की है। विदित हो की नालंदा परिसर ओपी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहा है। इस लाइब्रेरी का निर्माण कार्य दस माह में पूरा हो गया था। राष्ट्रीय स्तर की लाइब्रेरी नालंदा परिसर के जरिए प्रदेश भर के युवा प्रतियोगी परीक्षाओं, प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं, प्रवेश परीक्षाओं सहित पीएससी, यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारियों संबंधी आवश्यक पुस्तकें इस लाइब्रेरी के जरिए हासिल करते हैं।
नालंदा परिसर की लाइब्रेरी से जुड़ी अहम जानकारियां
छत्तीसगढ़ प्रदेश के युवाओं को संघ लोक सेवा आयोग सहित समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने अथवा बेहतर प्रदर्शन करने के लिए राजधानी रायपुर में 6 एकड़ में एक विश्व स्तरीय सुसज्जित भवन तैयार किया गया है। इस परिसर को श्श्नालंदा परिसर नाम दिया गया है। राजधानी एनआईटी के समीप आयुर्वेदिक कॉलेज के सामने यह परिसर मौजूद है। जिला खनिज न्यास निधि से 15.21 करोड़ रुपए तथा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से 2.44 करोड़ की राशि के जरिए रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा इसका निर्माण किया गया था। 24 घंटे और सातों दिन संचालित होने वाला देश का अनूठा शैक्षणिक संस्थान साबित हुआ है। नालंदा परिसर में ऑक्सीरीडिंग जोन में पढऩे के लिए इंडोर और आउटडोर रीडिंग की व्यवस्था की गई है। नालंदा परिसर में एक समय पर एक हजार लोग एक साथ अध्ययन कर सकते हैं। इंडोर अध्ययन के लिए जी प्लस टू टॉवर यूथ टॉवर के नाम से मौजूद है। इस टॉवर के भूतल में लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है। 1.5 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विषयों से जुड़ी 50 हजार पुस्तकें इस लाइब्रेरी हेतु खरीदी गई हैं। पूरी तरह से वातानुकूलित इस टॉवर के भूतलए प्रथम व द्वितीय तल के साथ ही इसके छत में अध्ययन के लिए आकर्षक फ र्नीचर और एलईडी लाइट की समुचित व्यवस्था है। इस टॉवर में कांच की दीवाल और छत पूरी तरह से उष्मारोधी है। द्वितीय तल में ई-लाईब्रेरी मौजूद है। जिसमें 112 हाइटेक कम्प्यूटर जिसमें इंटरनेट के लिए 100 एमबीपीएस स्पीड की लीज लाईन लगायी गई है। जिससे युवाओं को ऑनलाइन पढ़ाई में आसानी होती है। पूरा परिसर फ्री वाई.फ ाई जोन के रूप में विकसित किया गया है। यहां 24 घंटे विद्युत आपूर्ति होती है। इस हेतु स्कोडा सिस्टम के तहत ऑनलाइन विद्युत मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। पूरे परिसर में अंडरग्राउंड विद्युत सप्लाई की गई है। 24 घंटे संचालित होने के कारण यहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड के साथ ही सदस्यों के प्रवेश के लिए आरएफ आईडी कार्ड की व्यवस्था की गई है।नालंदा परिसर में आउटडोर अध्ययन के लिए इसके कैम्पस को बायो डायवर्सिटी युक्त गार्डन के रूप में विकसित किया गया है। यहां कदम्ब, नीम, पीपल, बरगद, मौलश्री, कचनार सहित करीब 50 प्रजातियों के के पौधे लगाए गए हैं। कैम्पस में 18 गजिबो, परगोलास और केनोपी को इंटरेक्टिव जोन के रूप बनाया गया है। ऐसे में आउटडोर रीडिंग के दौरान युवा प्रकृति के सानिध्य में अध्ययन का आनंद उठाते हैं। वहीं शरीर को चुस्त रखने हेतु परिसर में नहर के साथ सुंदर वॉटर बॉडी निर्मित है। इस परिसर में एक फैसिलिटी प्लाजा भी बनाया गया है, यहां अध्ययनरत लोगों हेतु स्टेशनरी, बुक स्टॉल, मेडिकल और रेस्टारेंट की समुचित व्यवस्था भी है। जो 24 घंटे संचालित होती है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्यों के लिए इसका मासिक शुल्क 200 रुपए रखा गया है। जबकि अन्य सदस्यों के लिए 500 रुपए निर्धारित है। इसके सुचारू संचालन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में सोसायटी का भी गठन किया गया है तथा सुरक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। नालंदा परिसर का निर्माण सिर्फ 10 माह में हुआ। यह अपने आप में रिकार्ड है। प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण केन्द्र रहे नालंदा की तरह ही यह रायपुर का नालंदा परिसर राजधानी सहित छत्तीसगढ़ के युवाओं के सुनहरे भविष्य निर्माण में लॉचिंग पैड की भूमिका निभा रहा है।
* रायपुर की तर्ज पर ही रायगढ़ में भी नालंदा परिसर का निर्माण जल्दी शुरू किए जाने संबंधी चर्चा जिलाधीश से की गई है।
ओपी चौधरी,विधायक रायगढ़