जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। विधानसभा चुनाव रिजल्ट 3 दिसंबर को आ गया है, प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जनता ने नकार दिया, और प्रदेश में भाजपा की बहुमत वाली सरकार बनने जा रही है। इस चुनाव में धरमजयगढ़ विधानसभा से भाजपा ने हरिशचन्द राठिया को प्रत्याशी घोषित किया था। प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही भाजपा के प्रति माहौल बनने लगा था, और ऐसा लग रहा है कि इस बार धरमजयगढ़ विधानसभा में भाजपा की कमल खिलेगा। लेकिन भाजपा के प्रदेश और जिला स्तर के नेता अपनी रोटी सेकने के चक्कर में धरमजयगढ़ विधानसभा सीट गवां बैंठे। धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र को अपने पक्ष में कर सके इसके लिए प्रदेश और जिला स्तर के कई पदाधिकारी धरमजयगढ़ विधानसभा में हैं लेकिन ये नेता अपनी नेतागिरी बचा रहे इसके लिए धरमजयगढ़ सीट को बचाने नहीं गवांने में अधिक व्यस्थ रहे? भाजपा 6 मंडल में सिर्फ धरमजयगढ़ मंडल में ही बढ़त बनाने में सफल हुए, 5 मंडल में बढ़त नहीं बना पाये। मजेदार बात है कि घरघोड़ा मंडल में जिला स्तर के कई बड़े-बड़े नेता होने के बाद भी भाजपा को बढ़त दिलाने में नाकाम साबित होना काई सवाल को जन्म दे रहा है। ये नेता चुनाव किस तरह जीता जाये ये छोड़ चुनाव संचालक कैसे बना जाये इसके पीछे भागते रहे और कांग्रेस इनके लड़ाई का फायदा लेते रहे। जबकि जिला स्तर के नेताओं को विधानसभा चुनाव कैसे जीता जाये इसपर ध्यान देना था, चाहे चुनाव संचालक कोई भी बन जाये?