जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ क्षेत्र में विकास के नाम पर सैकड़ों हरे भरे पड़ों की बली चढ़ाया जा रहा है। हम आपको बता दे कि इन दिनों धरमजयगढ़ क्षेत्र कई कंपनी काम कर रहे हैं, कोई सड़क बना रहे हैं तो कोई जल विद्युत उत्पादन करने की तैयारी कर रहे हैं। और इन परियोजना क्षेत्र में आने वाले पड़ों को बिना अनुमति के सैकड़ों पड़ों को काट कर दफना दे रहे हैं और इसकी जानकारी न तो वन विभाग को है और न ही राजस्व विभाग के पटवारी को। अब सोचने वाली बात है कि क्षेत्र में सैकड़ों के तादात में वृक्षों की कटाई हो जाये और विभागीय अधिकारी कर्मचारी को पता न चले ऐसा तो हो ही नहीं सकता। पता तो पटवारी से लेकर वन विभाग के सभी कर्मचारियों को होता है पर ये लोग कार्यवाही के नाम पर मोटी लिफाफा ले लेते हैं अगर ऐसा नहीं है तो फिर पटवारी अवैध तरीके से हो रहे पेड़ों की कटाई की जानकारी राजस्व विभाग के अपने ही अधिकरी को देते क्यों नहीं, और वन विभाग के बीड गार्ड, डिप्टी रेंज अवैध पेड़ों की कटाई को चुप चाप देखते क्यों हैं इनके ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं करते क्या इनके उच्च अधिकारी इन कंपनी वालों पर कार्यवाही करने से रोक रखे हैं। जब हमारे द्वारा इसकी जानकारी वन विभाग को दी जाती है तो वन विभाग के कर्मचारी हाथ पांव जोड़ते नजर आते हैं और कहते हैं कि अभी मैं इसका पीओआर काट रहा हूं लेकिन पीओआर कटता नहीं है। आज हम बात कर रहे हैं धरमजयगढ़ क्षेत्र के भालूपखना गांव में स्थापित हो रहे जल विद्युत कंपनी धनवादा की, ये कंपनी वालों ने सैकड़ों पेड़ों को काटकर जमीन नीचे दबा दिया है, क्या धनवादा कंपनी द्वारा जब सैकड़ों पेड़ काट रहे थे तब क्या वन विभाग के कर्मचारी और पटवारी तमाशा देख रहे थे क्या जिसके कारण इनको दिखाई नहीं दिया, इस संबंध हमारे द्वारा पटवारी से बात किया गया तो पटवारी गोल मोल जवाब देते नजर आये, तो वहीं वन विभाग के अधिकारी को तो ये भी पता नहीं की भालूपखना किस रेंज में आता है। अब आप सोच सकते हैं कि धरमजयगढ़ क्षेत्र में कंपनी वालों का दादागिरी किस हद तक चल रहा है।
क्या कंपनी वालों पर महेरबान वन विभाग?
धरमजयगढ़ क्षेत्र में कंपनी वालों द्वारा काटे जा रहे सैकड़ों पेड़ों की जानकारी वन विभाग को नहीं होना कई सवाल को खड़ा करता है। क्या वन विभाग के कर्मचारी अपने बीड में जांच करने नहीं जाते हैं? क्या वन विभाग इन कंपनी वालों को ऐसा करने की छूट दे रखा है जो दिन दाहड़े अवैध कामों को अंजाम दे रहे हैं। कंपनी वालों ने सैकड़ों पेड़ों को काट कर कई जगह छोड़ दे रहे हैं तो कई कंपनी वालो लकड़ी को दफन कर दे रहे हैं। ऐसा करने वालों पर वन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं आखिर कारण क्या है। धनवादा कंपनी के सामने वन विभाग घूटने टेंके बैंठे हैं जिसके कारण इनके हौसले बुलंद होता जा रहा है। इसकी जानकारी धरमजयगढ़ डीएफओ जोगावत को देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं करना क्षेत्रवासियों के समझ से परे हैं। इन कंपनी वालों पर कार्यवाही नहीं करने से शासन को लाखों की राजस्व क्षति हो रही हैं। क्या लाखों की राजस्व क्षति पहुंचाने वालों पर कार्यवाही होगी? ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।