जोहार छत्तीसगढ़-सारंगढ़।
सारंगढ़ क्षेत्र के गुडेली में क्रेशर मालिक का मनमानी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। माइनिंग विभाग तो गाडिय़ों पर लगातार कार्यवाही कर रहा है। लेकिन इस क्रेशर में अवैध तरीके से गिट्टी डंप करके रखा हुआ है। आखिर इस तरफ नजर क्यों नहीं जा रही है विभाग की यह समझ से परे है। गुडेली के हनुमान क्रशर में अवैध तरीके से गिट्टी भंडारण क्षमता से अधिक पत्थर डंप करके रखा गया है। और शासन को लाखों करोड़ों का चुना लगा रहा हैं। अगर क्रशर में माइनिंग विभाग जांच करेगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। लेकिन माइनिंग विभाग जांच क्यों नहीं कर रहा है। माइनिंग विभाग को क्रशर पहुंचकर जांच करना चाहिए क्या यह सही में वैध पत्थर डंप कर रखा है या अवैध तरीके से लेकर रखा है। संबंधित विभाग क्यों नही दे रहा ध्यान, कही डर तो नहीं वही प्रदूषण विभाग की बात करें तो लगता है प्रदूषण विभाग तो सो ही रही है। क्योंकि क्रशर वालों को चारों तरफ से खुली छूट दे रखी हैं। लेकिन हनुमान क्रशर प्रदूषण विभाग को ठेंगा दिखाते हुए काम कर रहा है। यूं तो माना जा रहा है। कि रायगढ़ माइनिंग विभाग कार्यवाही करने में ओवरलोड और अवैध बालू के गाडिय़ों पर लगातार कार्यवाही करता आ रहा था। लेकिन सारंगढ़ के विभाग हनुमान क्रशर उद्योग पर क्यों ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय निवासी बता रहे हैं कि माइनिंग विभाग के नियम कायदे की धज्जियां उड़ाने के लगा हुआ है लेकिन माइनिंग विभाग है। कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है या हो सकता है कुछ ऊंचे पहुंच के लोग होंगे इसीलिए इस क्रशर पर ध्यान दिया नहीं जा रहा होगा। लेकिन नियम तो सबके लिए बराबर रहना चाहिए और इस क्रशर पर जांच कर कार्यवाही करना चाहिए। यहां पर तो नियम को ताव में रखकर क्रशर संचालित किया जा रहा है, ना तो पर्यावरण विभाग का नियमों का पालन हो रहा है और ना ही माइनिंग विभाग का। यहां पर ना तो बोर्ड लगा हुआ है ना ही बाउंड्री वाल किया हुआ है। ना दरवाजा लगा है और न ही सही से बोर्ड को बनाया हुआ है बल्कि इसके बगल में इनका पत्थर खदान भी मौजूद है। क्रशर में डस्ट के लिए फुहारा भी लगा होना जरूरी है, लेकिन उसका तो अता पता नहीं है। * अब सिर्फ जिला के कलेक्टर मैडम पर ही नजर टिकी हुई है क्योंकि पर्यावरण और माइनिंग विभाग तो सोए हुए है।