जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
जी हां हम बात कर रहे हैं टेक्नालॉजी की जिसमे एप्लिकेशन के माध्यम से हांथियों पर विशेष नजर रखी जायेगी इसके लिए गरियाबंद अभ्यारण्य से आए विशेष ट्रेनरों द्वारा रायगढ़ व धरमजयगढ़ मंडल के समस्त वनअधिकारी कर्मचारी और एलिफेंट ट्रेकरों को एक विशेष एप्लिकेशन के विषय मे बताया समझाया गया साथ ही उसे अपलोड भी कराया गया ताकि क्षेत्र में इंसान व हथियों के बीच चल रहे भीषण द्वंद में कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सके। जानकारी मुताबिक आज धरमजयगढ़ काष्ठागार में बाहर से आए ट्रेनरों द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें देखा गया समस्त रायगढ़ व धरमजयगढ़ वनमंडल के वनाधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। प्रशिक्षण में हाथी जैसी विकराल समस्या के मद्देनजर टेक्नालॉजी से जुड़ा हुआ एक महत्पूर्ण जानकारी साझा किया गया जानकारी के मुताबिक एनुवल ट्रैकर नामक एक एप्लिकेशन है जिसमे वन कर्मचारी खासकर हाथी प्रभावित क्षेत्र के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ सकेंगे। फलस्वरूप क्षेत्र में ग्रामीणों को हाथी होने की सबसे तेज जानकारी होगी इस एप्लिकेशन के माध्यम से समय रहते लोगों को सूचना मिल जाएगी इसमें बताया जा रहा है सायरन के माध्यम से लोगों को हाथी की जानकारी होगी इस तरह हाथी और इंसान दोनों को सुरक्षित रखने में कारगर साबित होगा। बहरहाल हाथी जैसी विकराल समस्या से कुछ हद तक निजात पाने में डिजिटल टेक्नालॉजी क्या भूमिका निभाती है ये समय की बात है। बहरहाल डिजिटल टेक्नालॉजी के माध्यम से हाथी पर वन विभाग तेज नजर रखने का प्रयास कर रही है।