जोहार छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ के दमास क्षेत्र में प्रस्तावित एक लघु जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन में नियमों की अनदेखी करने के मामले में अब एक और तथ्य सामने आया है। जिसमें यह बात सामने आई है कि कंपनी द्वारा परियोजना में प्रभावित जिस जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है, अब उसके नामांतरण पर रोक लगाने का प्रतिवेदन दिया गया है। संबंधित रजिस्ट्री दस्तावेज के अवलोकन से पता चला है कि यह जमीन कंपनी के मैनेजर विवेक सिंह द्वारा कंपनी के नाम पर क्रय की गई है। इस रजिस्ट्री के माध्यम से खसरा नंबर 1379/1/घ रकबा करीब एक एकड़ जमीन की खरीदी कंपनी द्वारा किया गया है। राजस्व अभिलेख से यह पता चलता है कि इस खसरे का मूल नंबर बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज है और संबंधित भू – स्वामी को शासन से पट्टे पर प्राप्त हुई थी। सन 1985 में तहसीलदार के आदेश से इस जमीन का भूस्वामी हक संबंधित पट्टेदार को दिया गया। इस तरह यह स्पष्ट हो जाता है कि यह जमीन बड़े झाड़ के जंगल मद की जमीन का हिस्सा है। अब इस जमीन के नामांतरण पर रोक लगाने के लिए संबंधित हल्का पटवारी ने तहसीलदार को रिपोर्ट सौंपी है जिसमें कहा गया है कि संबंधित भूमि के परियोजना में प्रभावित होने की बात सामने आ रही है। जिसके कारण इस भूमि के नामांतरण पर फिलहाल रोक लगाने का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। संबंधित हल्का पटवारी बाल मुकुंद सारथी ने नामांतरण पर रोक लगाने के संबंध में तहसीलदार को रिपोर्ट किये जाने की पुष्टि की है। पटवारी ने बताया कि कंपनी या विभाग द्वारा उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित कंपनी के जिम्मेदार को दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है। इसके पूर्व धरमजयगढ़ एसडीएम ने भी मलका कंपनी के इस प्रोजेक्ट से संबंधित सभी दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस जारी करने की बात कही थी। बता दें कि मलका कंपनी के इस परियोजना में प्रभावित निजी जमीनों के अधिग्रहण को लेकर नियमों की अनदेखी किये जाने के बारे में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स के बाद स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की बात कही थी। वहीं अब इस परियोजना में प्रभावित निजी भूमि की रजिस्ट्री नामांतरण पर फिलहाल रोक लगा दिया गया है। इन सब के बीच यह बात भी सामने आ रही है कि संबंधित कंपनी परियोजना में प्रभावित होने वाले निजी जमीनों को लेकर स्थानीय प्रशासन को अंधेरे में रख रही है क्योंकि जानकारी के मुताबिक मलका कंपनी द्वारा एसडीएम को आधे अधूरे दस्तावेज सौंपे गए हैं, जिनमें निजी जमीन से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध नहीं कराई गई है। वहीं हमने धरमजयगढ़ एसडीएम को ऐसे दस्तावेज का अवलोकन कराया है जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस परियोजना में 5 किसानों की निजी जमीन प्रभावित हो रही है। दूसरी ओर इस मामले में मलका कंपनी के किसी भी जिम्मेदार द्वारा अब तक सार्वजनिक तौर पर या स्थानीय प्रशासन को इस बात की जानकारी शायद जानबूझकर नहीं दी जा रही है कि संबंधित परियोजना में निजी जमीन प्रभावित हो रही है। यह स्थिति काफी निराशाजनक है कि संबंधित कंपनी द्वारा भू अर्जन नियमों को ठेंगा दिखाते हुए और स्थानीय प्रशासन को धोखे में रखकर इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।