जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ नगर पंचायत किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में बना रहता है। कुछ समय पहले अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर खुब उठक पटक हुई। अध्यक्ष की कुर्सी की लड़ाई तो खत्म हुआ, लेकिन अब नगर पंचायत धरमजयगढ़ निर्माण कार्य को लेकर नगर में खुब सुर्खियां बटोर रही है। नगर में चर्चा बना हुआ है कि नगर पंचायत इन दिनों नगर में कई प्रकार का काम करवा रहे हैं। लेकिन एक भी कार्य गुणवत्ता के साथ नहीं किया जा रहा है। सीसी सड़क का तो ये हाल है कि बनते ही उखडऩा शुरू हो रहा है। नगर में हो रहे घटिया निर्माण कार्य नगरवासी को तो दिखाई दे रहा है, लेकिन नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारियों को घटिया निर्माण दिखाई नहीं दे रहा है। शासन से आये विकास कार्य के लिए लाखों करोड़ों रूपये को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया जा रहा है। और नगर पंचायत की जनता नगर विकास के लिए चुनकर भेजे गये जनप्रतिनिधि अपने जेब भरने में मस्त हो गये हैं? जिसका नतीजा है कि नगर में विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। अगर जनप्रतिनिधि अपने जेब भरने में मस्त नहीं है तो फिर नगर पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार पर चूप क्यों बैठे हैं? क्या नगर की जनता इसी के लिए चूनकर नगर सरकार में भेजा था। ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य करने के बाद भी ठेकेदार को आसानी से बिल का भुगतान हो जाना नगरवासियों के लिए समझ से परे हैं। लाखों का सड़क बनते ही उखडऩा शुरू हो जा रहा है और नगर पंचायत अधिकरी, इंजीनियर एवं परिषद आंख बंदकर तमाशा देख रहे हैं क्या इनका जिम्मेदारी नहीं है कि नगर में हो रहे निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण हो रहा है नहीं इसकी जांच करें? क्या सिर्फ ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर ठेकेदार को लाखों करोड़ों का लाभ पहुंचाना ही इनका मुख्य उददेश्य है? अगर इनका काम ठेकेदार को लाभ पहुंचाना नहीं है तो फिर नगर में हो रहे घटिया निर्माण की जांचकर घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कार्यवाही करें।