जोहार छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़।
रसूखदारों के आगे सिस्टम के घुटने टेक देने की रवायत अब भी बदस्तूर जारी है। लेकिन जब जिम्मेदार ऐसी गतिविधियों पर भी आंखे मूंदे बैठे रहते हैं जो पर्यावरण के साथ साथ मानव जीवन को भी गंभीर रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखता है तो ऐसे में सत्तापक्ष के भरोसे का दावा भी अपनी विश्वसनीयता खोने लगता है। इस खतरनाक गतिविधि को अंजाम देने वाले लोगों की हेकड़ी इतनी बढ़ गई है कि वे मानों खुद को कानून से ऊपर समझने लगे हैं और नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अपना हित साध रहे हैं। ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ क्षेत्र के सेमीपाली गांव में सामने आया है। सेमीपाली में एक क्रशर व पत्थर खदान स्थापित किया गया है, जो सुनील कुमार अग्रवाल के नाम पर संचालित है। इस खदान में काफी समय से खुलेआम विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। हैरानी यह कि स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से यह मामला और अधिक गंभीर हो जाता है। इसके बाद भी संबंधित कंपनी के द्वारा डंके की चोट पर उस खदान में विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारी टीम ने इस बात की पुष्टि के लिए उस इलाके का मुआयना किया। जिसमें कुछ स्थानीय लोगों द्वारा यह बताया गया कि हर दिन डेढ़ बजे खदान में ब्लास्टिंग की जाती है। एक स्थानीय युवक हमें उस स्थान पर भी लेकर गया जहां ब्लास्टिंग से उड़कर बोल्डर बिखरे पड़े हुए थे। यानी विस्फोटक की क्षमता इतनी अधिक है जिससे प्रभाव से पत्थर सैकड़ों मीटर दूर छिटक रहे हैं। युवक ने बताया कि ब्लास्टिंग से पहले खदान के गार्ड व्हिसिल से वार्निंग देते हैं ताकि प्रभावित क्षेत्र में आसपास के लोग न जाएं। इस तरह सेमीपाली के पत्थर खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके से ब्लास्टिंग की जा रही है। साथ ही घातक विस्फोटक सामग्री का गुपचुप परिवहन आम लोगों के सुरक्षा को लेकर भी बड़े सवाल खड़े करता है। यही नहीं यह स्थिति सिस्टम व कॉर्पोरेट के गठजोड़ का एक और बदतर उदाहरण पेश करता है। इस पूरे मामले में हमनें धरमजयगढ़ थाना प्रभारी अमित तिवारी से बात की। उन्होंने बताया कि विस्फोटक सामग्री के उपयोग के बारे में पुलिस को सूचना दिए जाने का नियम है। टीआई ने बताया कि सेमीपाली के क्रशर खदान में ब्लास्टिंग के लिए विस्फोटक सामग्री उपयोग के संबंध में पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है। वहीं, धरमजयगढ़ तहसीलदार ने भी इस तरह की गतिविधियों के बारे में जानकारी होने से इंकार किया।